Author: हिमांशु जोशी

  • मनोरंजन की दुनिया का नया बादशाह है ओटीटी

    मनोरंजन की दुनिया का नया बादशाह है ओटीटी

    सरदार उधम और जय भीम जैसी फिल्मों में ओटीटी पर रिलीज़ होने के बाद भी जिस तरह से सफलता पाई है, उसे देख अब फिल्मकारों का विश्वास ओटीटी पर ही बन गया है।           कोरोना की वज़ह से बड़े पर्दे की जगह ओटीटी ने ले ली थी और अब दर्शकों को वापस…

  • करोड़ों खर्च कर भी ख़त्म होते नौलों पर बसावट का विस्तार भारी

    करोड़ों खर्च कर भी ख़त्म होते नौलों पर बसावट का विस्तार भारी

    विश्व भर में जलवायु परिवर्तन का हो हल्ला मचा हुआ है, जहां पहले नदियां बहती थीं वहां सूखा पड़ा हुआ है। बर्फ़ से लदे रह चांदनी रात में चमकने वाले पहाड़ अब काले पड़ गए हैं पर विश्व अभी भी प्रदूषण फैलाने के आरोप-प्रत्यारोप में लगा हुआ है। पर्यावरण के नाम पर करोड़ों रुपए स्वीकृत…

  • चाल-खाल के जरिये पर्यावरण संरक्षण की कोशिश

    चाल-खाल के जरिये पर्यावरण संरक्षण की कोशिश

    जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बीते दो हफ़्तों स्कॉटलैंड के ग्लासगो में चला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन COP26 अब ख़त्म हो गया है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सम्मेलन में पहुंच कर भारत की तरफ़ से इस चुनौती से निपटने के लिए पांच अमृत तत्व रखे। भारत के लिए हिमालय जमीनी स्तर पर बात की जाए तो…

  • जिसे देख हम मुंह फेर रहे हैं वही दिखाती है ‘जय भीम’

    जिसे देख हम मुंह फेर रहे हैं वही दिखाती है ‘जय भीम’

    राजस्थान के भीलवाड़ा के एक गांव में बकरी चोरी करने के आरोप में दलित युवक को पेड़ से बांधकर पीटने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर एक दलित युवक की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो कानपुर के अकबरपुर का बताया जा रहा है। खबरों के मुताबिक, प्रेम प्रसंग के शक…

  • ए स्युटेबल गर्ल: आखिर क्यों इतना उलझा है हमारा समाज?

    ए स्युटेबल गर्ल: आखिर क्यों इतना उलझा है हमारा समाज?

    उधम सिंह, रश्मि रॉकेट की गम्भीरता के बाद मैं फिर कुछ ऐसा ही गम्भीर विषय देखना चाहता था तो मुझे ‘ए स्युटेबल गर्ल’ के रूप में डाक्यूमेंट्री सुझाई गई, डॉक्यूमेंट्री देख जान पड़ता है कितना उलझा हुआ है हमारा भारतीय समाज। कट्टरतावाद तो यहां भी है जिसमें हर युवा खुद उलझता जाता है, उसे तोड़ना…

  • महिलाओं के प्रति नजरिये में बदलाव बेहद जरूरी

    महिलाओं के प्रति नजरिये में बदलाव बेहद जरूरी

    पुरुषवादी समाज में जन्म लेकर हमारे विचार भी उसी तरह के बन गए, पर इस असमानता से अब मेरा मन उचटने लगा है। जाति,धर्म के रूप में घर के बाहर बंटना शुरू हुआ समाज घर के अंदर पुरुष-महिलाओं के बीच विभाजित हो जाता है। घर के मर्दों को मां, पत्नी, बेटी, बहन, बहुओं के घर…

  • गांव में अब शुरू होगी ह्वाट्एएप यूनिवर्सिटी बनाम लाइब्रेरी की जंग

    गांव में अब शुरू होगी ह्वाट्एएप यूनिवर्सिटी बनाम लाइब्रेरी की जंग

    बंगाल या फिर केरल के गांवों में आप घूमेंगे तो आपको वहां पब्लिक लाइब्रेरी आसानी से दिख जाएंगी। बंगाल ने उस धरोहर को पीढ़ी दर पीढ़ी न केवल आगे बढ़ाया है, बल्कि निखारा भी है। कोरोना काल में जब देशभर में शराब के ठेकों पर भारी भीड़ रही और लाइब्रेरी बंद रहीं ऐसे समय में…

  • सरदार उधम: आज देश को ‘राम मोहम्मद सिंह आज़ाद’ की ही जरूरत है

    सरदार उधम: आज देश को ‘राम मोहम्मद सिंह आज़ाद’ की ही जरूरत है

    सरदार उधम अंत में एक सवाल उठाती है कि अंग्रेजों के शासन के दौरान भारत में लाखों लोग मारे गए, उसमें जलियांवाला बाग कांड में मारे गए लोग भी शामिल थे पर उसके बारे में इंग्लैंड ने आज तक कोई माफ़ी नहीं मांगी है। इंग्लैंड ने यह माफ़ी क्यों नहीं मांगी इसका जवाब भी हमें…

  • उत्तराखंड: आपदाओं को हमने खुद दिया है आमंत्रण

    उत्तराखंड: आपदाओं को हमने खुद दिया है आमंत्रण

    कहते हैं पहाड़ों पर गाड़ी चलाते मोड़ों में हॉर्न का प्रयोग करें पर जिस तरह से इस साल पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड ने मनुष्य द्वारा पर्यावरण के साथ करी गई छेड़छाड़ का नतीज़ा भयंकर आपदाओं के रूप में देखा है उसके बाद अब शायद पहाड़ पर आने के बाद कहा जाए ब्रेक लगाइए, अगले मोड़ पर…

  • ‘पिंक’ से तुलना न करें तो देखने लायक है ‘रश्मि रॉकेट’

    ‘पिंक’ से तुलना न करें तो देखने लायक है ‘रश्मि रॉकेट’

    ‘सूर्यवंशम’ जैसी फ़िल्म की शुरुआत में एक महिला के लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया गया वह अमर्यादित थे। संचार के साधनों में महिलाओं को उत्पाद की तरह पेश किया जाता रहा है और इस पर नियंत्रण रखने के लिए बनाई गई संस्थाएं सोती रही हैं। बॉलीवुड में महिलाओं के अधिकारों पर बहुत…