विपरीत माहौल के बावजूद कांग्रेस अडिग है अपनी जगह

पिछले सात सालों में एक किस्म का जीवंत सा कुटीर उद्योग उभर आया है, जिसके दो असमान से पक्ष नजर…

केदारनाथ सिंह की याद में प्रतिवर्ष “केदारनाथ सिंह स्मृति कविता सम्मान” दिया जाएगा

वाराणसी। कवि केदारनाथ सिंह की तीसरी पुण्यतिथि की पूर्व संध्या ‘क’ कला दीर्घा में प्रो. अवधेश प्रधान की अध्यक्षता में…

पुण्यतिथिः नामवर सिंह को बाबा नागार्जुन मानते थे चलता-फिरता विद्यापीठ

हिंदी साहित्य के आकाश में नामवर सिंह उन नक्षत्रों में से एक हैं, जो अपनी चमक हमेशा बिखेरते रहेंगे। उनकी…

पुण्यतिथिः कथ्य और संवेदना के स्तर पर मंटो के करीब है शानी का लेखन

शानी के मानी यूं तो दुश्मन होता है और गोयाकि ये तखल्लुस का रिवाज ज्यादातर शायरों में होता है, लेकिन…

जयंतीः सोवियत यूनियन की अहम हस्ती गफूरोफ भी थे जोय अंसारी के प्रशंसक

मुल्क में तरक्की पसंद तहरीक जब परवान चढ़ी, तो उससे कई तख्लीककार जुड़े और देखते-देखते एक कारवां बन गया, लेकिन…

पुण्यतिथि: रूह पर चले बंटवारे के नश्तर का नतीजा था मंटो का ‘टोबा टेकसिंह’

सआदत हसन मंटो, हिंद उपमहाद्वीप के बेमिसाल अफसानानिगार थे। प्रेमचंद के बाद मंटो ही ऐसे दूसरे रचनाकार हैं, जिनकी रचनाएं…

बांग्ला साहित्य की विद्रोही दलित चेतना का हिंदी दीप

जब बांग्ला साहित्य और समाज की उदार और विद्रोही चेतना को हिंदी इलाके के संकीर्ण राष्ट्रवाद और बंगाल में पहले…

अमिताभ घोष का नया उपन्यासः जलवायु-परिवर्तन,शरणार्थी और संक्रमण जैसी जटिल चुनौतियों की दिलचस्प गाथा

यह एक ऐसा उपन्यास है, जिसका कथानक दुनिया के चार महाद्वीपों में फैला है! इसके चरित्र भी कई देशों से…

उर्दू के क्लासिक अदब को जिंदा कर गए शम्सुर्रहमान फारूकी

यह सन् 1998 की बात है। तब मैं प्रकाशन विभाग से निकलने वाली उर्दू मैगजीन आज कल में सब एडिटर…

अलविदा शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी! दास्तानगोई को जिंदा कर खुद बन गए दास्तां

1995 के आस-पास का वक्त रहा होगा। किसी बातचीत में उनकी लाइब्रेरी का ज़िक्र सुना था। इलाहाबाद के घर में…