Thursday, March 28, 2024

जीत के जश्न, तैयारी के जोश और फतह के संकल्प के साथ देश भर में मना आंदोलन का एक साल

“आज किसान आंदोलन ने अपने ऐतिहासिक संघर्ष का एक साल पूरा किया, जिसमें देश भर के कार्यक्रमों में लाखों किसानों, मजदूरों, युवाओं और आम नागरिकों ने हिस्सा लिया। यह दिन इतिहास में लोगों के संघर्ष के सबसे महान क्षणों में से एक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। किसानों की अधूरी मांगों के लिए संघर्ष जारी रखने की इच्छा और दृढ़ संकल्प के साथ, यह दिन किसानों के संघर्ष के बारह लंबे महीनों को चिह्नित करता है, जिसमें कई जीतें हासिल हुईं जो एक समय असंभव लगती थीं। किसान आंदोलन एक निर्मम सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए आम लोगों की शक्ति को साथ लेकर खड़ा है और लंबे समय तक, महात्मा गांधी और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से प्रेरित शांतिपूर्ण सत्याग्रह के उदाहरण के रूप में याद किया जाएगा” यह बयान किसान मोर्चा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में दिया गया है।

नेताओं ने बताया कि आज के दिन को दिल्ली मोर्चा, राज्य की राजधानियों और जिला मुख्यालयों पर कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। विभिन्न ट्रेड यूनियन, छात्र और युवा संगठन, महिला संगठन, नागरिक समाज संगठन और अन्य संगठन राष्ट्र के अन्नदाताओं के समर्थन में एक साथ आए। सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और शाहजहाँपुर मोर्चों पर बड़ी सभाएं आयोजित की गईं, जिनमें एसकेएम के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। विभिन्न राज्यों में आयोजित कार्यक्रमों में लाखों किसान किसान आंदोलन के समर्थन में एक साथ आए।

कर्नाटक में, किसानों और श्रमिकों ने चक्का जाम आयोजित किया, और बंगलुरू, श्रीरंगपटनम, चिकबल्लापुर, बेलगाम, विजयपुरा, भगवाड़ी में राज्य राजमार्गों को जाम किया। चिकबल्लापुर में वाहन रैली का भी आयोजन किया गया। कर्नाटक के मैसूर, कोलार, देवनगेरे में भी विरोध कार्यक्रम आयोजित किए गए। पश्चिम बंगाल में, एसकेएम पश्चिम बंगाल ने वाई चैनल, धर्मतल्ला, कोलकाता में एक विशाल सार्वजनिक रैली की, जिसके बाद धर्मतल्ला से सियालदह स्टेशन तक एक विशाल जुलूस निकाला गया। पटना में बुद्ध स्मृति पार्क से समाहरणालय तक किसानों और श्रमिकों का संयुक्त जुलूस निकाला गया, जिसने जिलाधिकारी को मांगों का ज्ञापन सौंपा।

बिहार के सीतामढ़ी, रोहतास, भोजपुर, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर, बक्सर, दरभंगा, गया, अरवल, नालंदा, शेखपुरा और अन्य जिलों में भी विरोध कार्यक्रम आयोजित किए गए। रायपुर में एक विशाल ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ के बस्तर के बीजापुर जिले में आदिवासी किसानों ने सिलगेर और गंगालोर में धरने के साथ किसान आंदोलन की वर्षगांठ मनाई। दोनों जगहों पर आदिवासी अडानी और अन्य कॉर्पोरेट का और 16 मई, 2021 को पुलिस फायरिंग में चार आदिवासियों की मौत का विरोध कर रहे हैं। गुंटुरु, विजयनगरम और आंध्र प्रदेश के अन्य स्थानों पर किसानों के द्वारा विरोध प्रदर्शन हुए। तमिलनाडु, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा सहित अन्य राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन आयोजित हुए।

देश भर के किसानों ने किसान आंदोलन की लंबित मांगों को उठाते हुए तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने की प्रधानमंत्री की घोषणा के रूप में अपनी जीत का जश्न मनाया। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में, छह मांगें उठाई थीं, सी 2+ 50% फॉर्मूला के आधार पर सभी उत्पादों के लिए एम एस पी की कानूनी गारंटी, “विद्युत संशोधन विधेयक, 2020/2021” के मसौदे को वापस लेना, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021” में किसानों पर दंडात्मक प्रावधानों को हटाना, आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ झूठे मामलों की वापसी, राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी, किसान आंदोलन के शहीदों के परिवारों को मुआवजा एवं पुनर्वास तथा उनकी स्मृति में सिंघू मोर्चा पर स्मारक निर्माण के लिए भूमि आवंटन।

मोर्चे के मुताबिक कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने आंदोलन को अपना समर्थन और एकजुटता दी। अंतर्राष्ट्रीय किसान संगठन ला वाया कैम्पेसिना द्वारा समर्थन पत्र जारी किया गया। “भारत के किसानों ने अपने जुझारूपन से दुनिया को प्रेरित किया है। उन्होंने हमें दिखाया है कि सभी विपरीत परिस्थितियों में भी मजदूर वर्ग और किसान वर्ग का संयुक्त संघर्ष क्या हासिल कर सकता है। पिछले एक साल में, इस विरोध ने श्रमिक संगठनों और अन्य सामाजिक आंदोलनों के साथ गठजोड़ किया और ग्रामीण समाजों के बीच एकजुटता, सांप्रदायिक सद्भाव और एकता के प्रेरक संदेश जारी किए हैं”,संगठन ने अपने समर्थन पत्र में कहा।

नेताओं ने बताया कि विभिन्न देशों में एकजुटता के कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। ब्रिटेन में आज लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने किसान प्रदर्शन की योजना है। कल उसी स्थान पर “एक साल की रैली और जुलूस” की योजना है। कल लेचवर्थ सिटी में “किसान स्लीप आउट” भी आयोजित किया जाएगा। न्‍यूयॉर्क में कल “एक साल की महा किसान विजय कार रैली” का आयोजन किया जाएगा। इसी तरह का कार और ट्रक रैली का आयोजन 4 दिसंबर को कैलिफोर्निया में होगा। 5 दिसंबर को, कैलिफोर्निया में “कृषि कानूनों को वापस लेने और बलिदान और प्रतिबद्धता के 1 वर्ष का जश्न” कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। ब्रिटिश कोलंबिया में आज “दिल्ली चलो से 1 साल का स्लीप आउट” कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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