Wednesday, April 24, 2024

बिहार में भी भाजपा यूपी मॉडल लागू करने को बेचैन, लेकिन यहां बुलडोजर राज नहीं चलेगा: दीपंकर भट्टाचार्य

गया। उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद भाजपा अब यूपी मॉडल को बिहार में भी लागू करने को तत्पर है। यह नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती है। हमने देखा कि यहां कैसे भाजपा पूरी तरह से मुकेश सहनी की पार्टी को खा गई। उसे अब नीतीश कुमार का मुखौटा नहीं चाहिए, लेकिन भाजपा यह जान ले कि बिहार की जनता उसकी इस साजिश को कभी कामयाब नहीं होने देगी। यहाँ बुलडोजर राज नहीं चलने दिया जायेगा। नफरत-हिंसा और उन्माद की ताकतों को शिकस्त देने के लिए आज पूरे देश में नया क्रांतिकारी उभार पैदा करना होगा। उक्त बातें आज गया के माड़नपुर के एमएसवाई रिसॉर्ट में पार्टी के 11वें बिहार राज्य सम्मेलन के अवसर पर आयोजित खुले सत्र को संबोधित करते हुए माले महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने कही।

खुले सत्र में माले महासचिव के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता, अन्य वाम दल के नेता और प्रबुद्ध नागरिकों की भागीदारी हुई। वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, प्रभात कुमार चौधरी, उत्तर प्रदेश के पार्टी प्रभारी रामजी राय, यूपी के राज्य सचिव सुधाकर यादव, केन्द्रीय पर्यवेक्षक जनार्दन प्रसाद, सीपीआई-एम के राज्य सचिव ललन चौधरी, सीपीआई के जिला सचिव सीताराम शर्मा, एसयूसीआई के राज्य सचिव अरुण सिंह, फारवर्ड ब्लॉक के अमेरिका महतो, पीयूसीएल के राज्य सचिव सरफराज समेत गया के जाने-माने अधिवक्ता फैयाज हाली ने भी खुले सत्र को संबोधित किया।

माले महासचिव ने आगे कहा कि भगत सिंह ने जो सपना देखा था और जिस बात के लिए कुर्बानी दी थी, आज उन सपनों पर हमला हो रहा है। संविधान में समाजवाद, सबके लिए बराबरी, न्याय की गारंटी की बात है, उन मूल्यों पर हमला हो रहा है। लोकतंत्र और संविधान को बचाना ही वामपंथ को मजबूत करना है, लेकिन इसके लिए हमें लड़ना होगा और पूरे देश का फिर से पुनर्निर्माण करना होगा। हमें वामपंथ को मजबूत बनाते हुए महागंठबंधन को धारदार बनाना होगा। इसकी धार ऐसी होनी चाहिए जिसमें मॉब लिंचिंग, दलितों के उत्पीड़न, अपराध आदि के खिलाफ लड़ने की ताकत हो।

सीपीएम के राज्य सचिव ललन चौधरी ने कहा कि साम्प्रदायिक जहर फैलाने वाली ताकतों को पीछे धकेलने की दिशा में उन्हें उम्मीद है कि भाकपा-माले का यह राज्य सम्मेलन एक बड़ा पड़ाव साबित होगा। सीपीआई के जिला सचिव सीताराम शर्मा ने कहा कि माले ने 2020 के चुनाव में वामपंथ को एक नई धार दी, इसका हम अभिनन्दन करते हैं। आज पूरा देश बिहार की ओर और माले के राज्य सम्मेलन की ओर देख रहा है कि यहां से क्या दिशा निकलती है।

खुले सत्र में पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, धीरेंद्र झा, राजाराम सिंह, मीना तिवारी, शशि यादव, नंदकिशोर प्रसाद सहित प्रोफेसर मनोरंजन सिंह, गया के जाने माने अधिवक्ता प्रो. फैयाज हाली, डॉ. बीपी नलिन, प्रो. पिंटू कुमार, गया जिला सचिव निरंजन कुमार सहित बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी, आम लोग तथा ग्रामीण गरीबों ने भाग लिया।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।

Related Articles

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।