Fascism
बीच बहस
फासीवाद और हिंदुत्व
Janchowk -
देश आज एक महत्वपूर्ण समय से गुज़र रहा है। वह एक ऐसे दोराहे पर खड़ा है जिसके एक तरफ आज़ादी और दूसरी तरफ हिंदू श्रेष्ठता से उपजी तानाशाही है। इस काल को मोदी सरकार ने ‘आज़ादी का अमृतकाल’ नाम...
बीच बहस
अमेरिका में हिंदुत्ववादी संगठनों की सक्रियता से बढ़ रही है अल्पसंख्यकों की चिंता
Janchowk -
अमेरिका में उग्र हिंदुत्ववादी समूहों की सक्रियता को लेकर मानवाधिकारों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर सक्रिय समूहों में गहरी चिंता है। आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से जुड़ी संस्थाएं अमेरिका में भारतीय मूल के हिंदुओं में खासतौर पर...
पहला पन्ना
भारत में लोकतंत्र खत्म होने का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा : अरुंधति रॉय
Janchowk -
(मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय को 12 सितंबर को उनके निबंध ‘आजादी’ के फ्रांसीसी अनुवाद - लिबर्टे, फासिस्म, फिक्शन- के अवसर पर उनकी आजीवन उपलब्धि के लिए 45वें यूरोपीय निबंध पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उनके द्वारा...
पहला पन्ना
पश्चिमी देशों को नहीं पता कि भारत के अराजकता में फंसने के बाद बाजार भी नहीं रहेगा: अरुंधति
Janchowk -
जी-20 शिखर सम्मेलन चल रहा है।
इसमें बाइडेन, मैक्रॉन जैसे वे सभी लोग हैं जो लोकतंत्र की बातें करते रहते हैं।
वे सभी यह बात जानते हैं कि यहां क्या हो रहा है।
उन्हें मालूम है कि यहां मुस्लिमों का नरसंहार हुआ...
पहला पन्ना
स्वतंत्रता दिवस विशेष-1: खतरे में है आज़ादी, लोकतंत्र और संविधान?
लगभग दो सौ साल के लंबे उपनिवेश-विरोधी संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को आज़ादी हासिल हुई। लेकिन इस आज़ादी की भारी कीमत भी चुकानी पड़ी। देश का धर्म के आधार पर विभाजन हुआ। लाखों-लाख लोग विस्थापित...
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फासीवाद के खिलाफ स्मृति सबसे बड़ा हथियार है: सिद्दीकी कप्पन
Janchowk -
नई दिल्ली। दो साल के बाद जेल से रिहा हुए पत्रकार सिद्दकी कप्पन ने पहली बार लोगों से बातचीत की। उन्होंने रविवार को कोलकाता में दर्शकों को बताया कि फासीवाद के खिलाफ स्मृति सबसे बड़ा हथियार है। सिद्दकी कप्पन...
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फासीवाद के कैंसर के खिलाफ संघर्ष में विपक्ष की बहुलतापूर्ण एकता और राहुल गांधी
सोमवार से बंगलुरू में विपक्ष की दो दिनों की बैठक शुरू होगी। इस बैठक की राजनीतिक पृष्ठभूमि और अहमियत की हम दो दिन पहले ही चर्चा कर चुके हैं। 2024 का चुनाव भारत में जनतंत्र और फासीवाद, दोनों के...
बीच बहस
जनतंत्र और फासीवाद दोनों के लिए जीवन-मृत्यु का प्रश्न है 2024 का चुनाव
विपक्ष की बंगलुरू बैठक की पृष्ठभूमि में वर्तमान राजनीति की यह मूलभूत समझ है कि भारत में फासीवाद के उग्रतम रूप का ख़तरा साफ़ तौर पर मंडराने लगा है।
अगर इतने सारे विपक्षी दलों के एक साथ मिलने के पीछे...
पहला पन्ना
कॉरपोरेट साम्प्रदायिक फ़ासीवाद, कट्टरपन्थ और पुनरुत्थानवाद को निर्णायक शिकस्त ही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि
सबसे ख़तरनाक होता है
मुर्दा शांति से भर जाना
न होना तड़प का
सब कुछ सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आना
सबसे ख़तरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना
.......
सबसे खतरनाक वह दिशा होती है
जिसमें आत्मा का सूरज...
संस्कृति-समाज
कृष्णा सोबती: फासीवाद के खिलाफ गूंजती रही एक आवाज
अमरीक -
साहित्य-संस्कृति के इतिहास ने कृष्णा सोबती के नाम बहुत कुछ दर्ज किया है। उनके लिखे अल्फाज जिंदगी के हर अंधेरे कोने में दिया बनके कंदीलें जलाने को बेचैन, बाजिद और तत्पर रहते मिलते हैं। फूलों को अतत: सूखना ही...
Latest News
केवल सात सेकेंड की शक्ति से झूठ-सच के अदल-बदल का खेल खत्म हो सकता है!
अब 2024 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर मजबूत सरकार का मुद्दा बहुत मजबूती से उठाया...
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