Friday, April 26, 2024

अरुण

अलविदा अरुण भाईः तुम्हीं सो गए दास्तां कहते-कहते

सुबह से फ़ेसबुक पर शोक की एक नदी बह रही है, जिसके हर क़तरे पर एक नाम है- अरुण पांडेय। यह नदी कई-कई शहरों से ग़ुज़रती हुई विलाप को गहराती जा रही है। यह विलाप उनका भी है जो...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...