Friday, March 29, 2024

Dalits

योगी राज में दलितों को जमीन के बदले जेल: एस आर दारापुरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी की भाजपा सरकार आज-कल जगह-जगह दलितों का सम्मेलन करके उनका कल्याण करने तथा दलित हितैषी होने का दावा कर रही है। उसके इस दावे के सच की पोल गोरखपुर में पिछले महीने सरकार द्वारा...

बजरंग दल का उपद्रव: आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने के बाद दलितों पर बोला हमला

भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर में एक दलित गांव में बजरंग दल ने पहले आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी, फिर दलितों पर हमला बोला। पुलिस ने बताया कि इस मामले में उन्होंने गुरुवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।...

मोदी जी के गुजरात में दलितों के लिए चश्मा पहनना और डीजे बजाना गुनाह

मूंछों पर ताव, घोड़े की सवारी या फिर डीजे संगीत बजाना - कुछ भी जातीय संघर्ष को जन्म दे सकता है। यह सब कुछ एक प्रदेश गुजरात के लिए आम बात है। देश में मॉडल के तौर पर बेचे...

लोकतंत्र बचाओ समागम: बहुसंख्यकवाद की राजनीति में दलितों-आदिवासियों का बढ़ा उत्पीड़न

रांची। देश की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को समझने और बदलने के लिए देश भर में बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों में विचार-विमर्श का दौर चल रहा है। इसी कड़ी में झारखंड की राजधानी रांची के बगईचा में दो-दिवसीय...

यूपी में दलितों की ज़मीन पर कब्जा होगा आसान, योगी सरकार ला रही नया कानून

यूपी में दलितों की जमीन को लेकर एक नई सुगबुगाहट देखने को मिल सकती है। योगी सरकार ने यूपी टाउनशिप नीति 2023 को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत एससी, एसटी की जमीन लेने के लिए अब डीएम...

700 शहादतें एक हत्या की आड़ में धूमिल नहीं हो सकतीं

11 महीने पुराने किसान आंदोलन जिसको 700 शहादतों द्वारा सींचा गया व लाखों किसानों के खून-पसीने के निवेश को एक धार्मिक मुद्दे को लेकर हुई हत्या की आड़ में खत्म नहीं किया। हत्या की भर्त्सना करिये।आरोपी के लिए कड़ी...

महिलाओं और दलितों की दुर्दशा प्रशासनिक विफलता नहीं, सत्ता की राजनीतिक सफलता है: शैलेन्द्र शैली व्याख्यान में संध्या शैली

शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान 2021 में बोलते हुए अखिल भारतीय जनवादी की केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुश्री संध्या शैली ने अनेक संवैधानिक प्रावधानों और संरक्षणों के बावजूद महिलाओं और दलितों पर बढ़ते अत्याचारों की वजहें गिनाई। मध्यप्रदेश में दलितों और महिलाओं...

2020 के कई कानूनों से समुदायों में बढ़ा भेदभाव, देश का सामाजिक तानाबाना भी हुआ कमज़ोर

पिछले अनेक दशकों से भारत में सांप्रदायिक दंगे, सांप्रदायिक तनाव और हिंसा का सबसे आम प्रकटीकरण रहे हैं। देश में अनेक भयावह सांप्रदायिक दंगे हुए हैं, जिनमें नेल्ली (1983), दिल्ली सिक्ख-विरोधी हिंसा (1984), भागलपुर (1989), बंबई (1992), गुजरात (2002),...

उत्पीड़न के हर रूप के खिलाफ रोहित वेमुला बन गए हैं संघर्ष के प्रेरणा स्रोत

आज ही के दिन, यानी 17 जनवरी को ही, 2016 में हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या की गई थी। यह हत्या एक दिन में नहीं हुई थी, बल्कि कई महीनों के शोषण और...

जीभ हाथरस की बिटिया की कटी, गूंगा हो गया सारा देश!

अब वह जमाना चला गया जब लोग बेटा होने पर खुश होते थे और बेटी होने पर मायूस हो जाते थे। अब तो हर घर में बेटियां एक परी की तरह मां-बाप, भाई-बहन, दादा-दादी सबका प्यार पाती हैं। पिता...

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भगत सिंह और उनके साथियों की शहादत से कौन डरता है?

भगत सिंह और उनके साथियों की शहादत से कौन डरता है? इस वर्ष मार्च तक आते-आते भारत में राजनीतिक सामाजिक...