do or die
बीच बहस
अगस्त क्रांति: नव-साम्राज्यवादी गुलामी के दलदल में भारत का शासक-वर्ग
‘‘यह एक छोटा-सा मंत्र मैं आपको देता हूं। आप इसे हृदय पटल पर अंकित कर लीजिए और हर श्वास के साथ उसका जाप कीजिए। वह मंत्र है- ‘करो या मरो’। या तो हम भारत को आजाद करेंगे या आजादी...
ज़रूरी ख़बर
गांधीवादियों के अजमेर घोषणा पत्र में करो या मरो का ऐलान
जिस विचारधारा का राष्ट्रीय आंदोलन और संविधान में विश्वास नहीं है उसे सत्ता में रहने का हक़ नहीं है। पिछले दिनों 25-26 फरवरी को अजमेर में हुए सम्मेलन में गांधीवादियों ने मौजूदा सरकार के ख़िलाफ़ जैसे तेवर दिखाए वैसे...
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‘अंग्रेज़ों! भारत छोड़ो’ आंदोलन और गांधी जी का यादगार भाषण
1942 के पहले जब 1938–39 में इस बात की संभावना बन गयी थी कि द्वितीय विश्वयुद्ध होगा ही, तब नेताजी सुभाष का विचार था कि युद्ध के समय पर ही अंग्रेजों के खिलाफ आज़ादी की एक निर्णायक जंग छेड़ी...
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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना
आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...
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