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संस्कृति-समाज
अंग्रेजों के दमन और उसके प्रतिकार का प्रतीक है जलियांवाला बाग
13 अप्रैल 1919, बैसाखी के दिन लगभग 4:00 बजे जनरल डायर लगभग डेढ़ सौ सिपाहियों को लेकर जलियांवाला बाग में पहुंचा। वहां रौलेट एक्ट के खिलाफ एक जनसभा हो रही थी। बैसाखी पर दूर-दूर से आये लोग, दरबार साहिब...
संस्कृति-समाज
जब जलियांवाला बाग बन गया आजादी की लड़ाई का नया लांचिंग पैड
भारत की आजादी के आंदोलन में जिस घटना ने देशवासियों पर सबसे ज्यादा असर डाला, वह है जलियांवाला बाग हत्याकांड। इस हत्याकांड ने हमारे देश के इतिहास की पूरी धारा को ही बदल के रख दिया था। एक सदी...
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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर
धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...
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