Friday, April 19, 2024

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ख़ास रिपोर्ट: उपेक्षा, बदला, बदहाली, हालाकानी और मौत का नया पता है श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन

सुपौल बिहार के गरीब राय 21 मई को दिल्ली से बिहार जाने वाली श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में बैठे तो तीन दिन बैठे ही रह गए। 21 मई को दिल्ली से छूटी तो 24-25 की दरमियानी रात में पहुंची। इस...

कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में आँकड़ों की भी है अपनी अहमियत

कोरोना काल के आंकड़े हमारे अस्तित्व और विकास के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होने वाले हैं। इस बात पर दुनिया भर के वैज्ञानिक और समाजशास्त्रियों का ध्यान तेजी से गया है। वे इसे इकट्ठा करने और इसके विश्लेषण पर जोर...

प्रतीकों से नहीं सैनिक और संसाधनों से जीते जाते हैं युद्ध

कल सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री जी देश के सामने एक वीडियो सन्देश द्वारा रूबरू हुए। लोग उक्त सन्देश को सुनना चाह रहे थे। बात जब पीएम की हो तो उम्मीद भी बेहतर ही सुनने की होती है। पर प्रधानमंत्री...

कोरोना से कैसे लड़ रहा है 20 करोड़ की आबादी वाला यूपी और 4 करोड़ की आबादी वाला केरल

20 मार्च को ख़बर आती है कि लखनऊ की कनिका कपूर को कोरोना पोज़िटिव हो गया है। तब पता चला कि कनिका लखनऊ के पांच सितारा होटल की पार्टी में गई थीं। वहां से कानपुर गई थीं। लखनऊ की...

चीन ने कैसे जीता कोरोना के ख़िलाफ़ युद्ध?

चीन ने अपने देश में कोरोना वायरस पर नियंत्रण पा लिया है। ये एक सुकून देने वाली खबर है। चीन में कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आ रहा है. 34 नए मामले जरूर सामने आए हैं,...

जामिया का प्रतिरोध: किताब चुनिए, बैठिए, पढ़िए

प्रतिरोध का एक तरीक़ा यह है- किताब `चुनिए,  बैठिए, पढ़िए `। पढ़ने के जरिये प्रतिरोध और प्रतिरोध के लिए पढ़ाई। सुरक्षा बलों ने जिस यूनिवर्सिटी में घुसकर उसकी लाइब्रेरी पर हमला किया हो, वहां से ऐसा जवाब! जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्टूडेंट्स पर...

पंजाब कांग्रेस में जबर्दस्त घमासान, अमरिंदर-बाजवा आमने-सामने

पंजाब के राज्यसभा सांसद और पूर्व पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने खुद को सर्व शक्तिमान मानने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ खुली बगावत कर दी है। इससे पंजाब कांग्रेस में घमासान उफान पर आ गया है। वैसे...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।