Tuesday, April 16, 2024

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ए स्युटेबल गर्ल: आखिर क्यों इतना उलझा है हमारा समाज?

उधम सिंह, रश्मि रॉकेट की गम्भीरता के बाद मैं फिर कुछ ऐसा ही गम्भीर विषय देखना चाहता था तो मुझे 'ए स्युटेबल गर्ल' के रूप में डाक्यूमेंट्री सुझाई गई, डॉक्यूमेंट्री देख जान पड़ता है कितना उलझा हुआ है हमारा...

पुण्यतिथि पर विशेष: क्या राजेन्द्र यादव का सही मूल्यांकन होना बाकी है?

आज से करीब 50 साल से भी पहले प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मारियो पूजो की बहुचर्चित किताब" गॉडफादर" आयी थी जो करीब 67 सप्ताह यानी करीब सवा साल तक बेस्ट सेलर रही। दो साल में वह किताब दो करोड़ बिकी।...

सरदार उधम: आज देश को ‘राम मोहम्मद सिंह आज़ाद’ की ही जरूरत है

सरदार उधम अंत में एक सवाल उठाती है कि अंग्रेजों के शासन के दौरान भारत में लाखों लोग मारे गए, उसमें जलियांवाला बाग कांड में मारे गए लोग भी शामिल थे पर उसके बारे में इंग्लैंड ने आज तक...

फ़िल्म सरदार उधम का ऑस्कर नामांकन खारिज, ज्यूरी की मानें तो फ़िल्म घृणा फैलाती है !

हाल ही में रिलीज हुयी फ़िल्म, सरदार उधम को, ऑस्कर पुरस्कारों के लिये भारतीय ज्यूरी ने भारत की प्रविष्टि के रूप में खारिज कर दिया है। खारिज करने के जो तर्क दिए हैं वे हैं, यह फ़िल्म अंग्रेजों के...

जीते जी किसी के सामने न झुकने वाले मज़रूह को मौत के बाद झुकाने की कोशिश

मजरूह सुल्तानपुरी के गृह जनपद सुल्तानपुर जिसके कुशभवनपुर होंने की चर्चा आम है, में एक पार्क इस इंक़लाबी शायर के नाम पर है। तस्वीर में पार्क में घास-फूस का जंगल उगा हुआ है तो जनाब के नाम का लगा...

नाजी दौर की तरह सरकार की विचारधारा का समर्थन करने वाली प्रोपेगैंडा फिल्में बना रही है फिल्म इंडस्ट्री

"फिल्म इंडस्ट्री को अब सरकार की ओर से विचार के समर्थन वाली फिल्में बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसी फिल्मों को बनाने के लिए फंड भी दिया जाता है जो सरकार के विचारों का समर्थन करती हों।...

क्या उमर खालिद के खिलाफ दाखिल चार्जशीट फ़िल्मी स्क्रिप्ट है!

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश के मामले में गिरफ्तार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व नेता उमर खालिद ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि उनके खिलाफ आरोपपत्र किसी वेब सीरीज या टीवी समाचार की पटकथा...

हमारे समय का डरावना यथार्थ पेश करती है फिल्म ‘200: हल्ला हो’

दलितों के शोषण और उसके प्रतिकार पर बनी ‘200: हल्ला हो’ झकझोरने वाली फ़िल्म है।  2004 में नागपुर में दलित महिलाओं के एक समूह ने बलात्कार और यौन शोषण के एक आरोपी अक्कू यादव की भरी अदालत में हत्या...

भारतीय सिनेमा और दलित पहचान : भारत जैसे जातिग्रस्त समाज के लिए ज़रूरी है `पेरारियात्तवर`

(ऐतिहासिक तौर पर भारतीय सिनेमा ने जहाँ फ़िल्मों के निर्माण में दलितों के श्रम का शोषण किया है वहीं उनकी कहानियों को मिटाया और हड़पा है। यह सब अकस्मात न था। परदे पर जब उनकी कहानियाँ दिखलाई जातीं तो...

21 सिख बनाम 10000 पठान यानी सारागढ़ी युद्ध की क्या है हकीकत?

अभी पिछले दिनों केसरी (Kesari) के नाम से एक नई फिल्म रिलीज़ हुई है। ये एक ऐतिहासिक फ़िल्म है। इसमें सारागढ़ी की मशहूर जंग दिखाई गई है। इसमें  बताया गया है कि केवल 21 सिखों ने 10000 पठानों का...

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चंद्रशेखर आजाद: हिंदी पट्टी में एकमात्र मुखर आंबेडकरवादी राजनीतिक स्वर संसद में गूंजना ही चाहिए

19 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र में मतदान है। यहां आजाद समाज पार्टी...