वैचारिक अवसरवाद आज की राजनीति की सबसे बड़ी त्रासदी

वैचारिक अवसरवादिता आज की राजनीति की सबसे बड़ी त्रासदी है और उससे भी अधिक भयावह स्थिति यह है कि समाज…

भारत की राजनीति में अभी कई मकाम आयेंगे तमाशबीन बनना खतरनाक

सामने बिहार विधानसभा का चुनाव है। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 240 पर समेट देने के बाद इंडिया…

सांप्रदायिक सर्वसम्मति की ओर भारतीय राजनीति!

धर्मनिरपेक्ष खेमे के विद्वान आरएसएस/भाजपा के कट्टर हिंदुत्व का प्रत्यक्ष विरोध करते समय अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों के नरम हिंदुत्व का…

भारतीय राजनीति के आकाश के सूरज हैं गांधी

30 जनवरी 1948 के दिन भारतीय राजनीति में सबसे त्रासदी पूर्ण घटना घटित हुई। इसी दिन गांधी एक हत्यारे की…

चंद परिवारों में क्यों सिमटी भारत की राजनीति ?

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल में यह दिलचस्प बात कही कि गुजरे 30 वर्षों में बिहार में सिर्फ साढ़े…

बाबरी ध्वंस से राममंदिर: भारतीय राजनीति की बदलती दशा और दिशा

स्वाधीन होने के बाद भारत ने जो दिशा और राह चुनी, उसकी रूपरेखा जवाहरलाल नेहरु के ‘ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी’ भाषण…

आरएसएस और अम्बेडकर: भारतीय राजनीति के दो विपरीत ध्रुव

आरएसएस और अम्बेडकर की विचारधाराएं भारतीय राजनीति के दो विपरीत ध्रुव हैं। जहां अम्बेडकर जाति के विनाश, प्रजातान्त्रिक मूल्यों की…

किस दिशा में जा रही है भारतीय राजनीति?

गत 15 अगस्त को भारत ने अपना 77वां स्वाधीनता दिवस मनाया। यह एक मौका है जब हमें इस मुद्दे पर…

क्या भारतीय राजनीति में क्षेत्रीय दल अवसान काल की ओर बढ़ रहे हैं?

कर्नाटक चुनाव परिणाम आने के बाद से क्षेत्रीय दलों के सुर बदल रहे हैं। बात-बात में कांग्रेस को कोसने और…

राजनीति की पवित्रता

सिविल सोसाइटी की अहमियत राजनीतिक दलों से ऊपर है। अन्य देशों में इसे प्रेशर ग्रुप के नाम से लोकतंत्र का…