Wednesday, April 17, 2024

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राजेन्द्र कृष्ण की जयंती: गीतकार जिसने फिल्मों की स्क्रिप्ट और संवाद भी लिखे

फिल्मी दुनिया में राजेन्द्र कृष्ण वे गीतकार हैं, जिन्होंने हिंदी फिल्मों की कहानी, स्क्रिप्ट और संवाद भी लिखे। सभी फील्ड में वे कामयाब रहे। लेकिन राजेन्द्र कृष्ण के चाहने वालों में उनकी पहचान गीतकार की ही है। चार दशक...

गीत और संगीत का अमर हमसफर यानी इंदीवर

‘‘चंदन सा बदन चंचल चितवन’’, ‘‘फूल तुम्हें भेजा है ख़त में’’, ‘‘कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे’’, ‘‘चांद को क्या मालूम चाहता है’’, ‘‘ओह रे ताल मिले नदी के जल में’’, ‘‘नदिया चले, चले रे धारा’’, ‘‘है प्रीत जहाँ...

फिल्म इंडस्ट्री के बड़े-बड़े धुरंधर किसान आंदोलन पर चुप हैं: नसीरुद्दीन शाह

(नसीरुद्दीन शाह। भारत के जीवित कलाकारों में सबसे बड़ा नाम। इनकी समझदारी भरी संवेदनशीलता हमें अक्सर रास्ता दिखाती आई है। पिछले कई दिनों से नसीर साहब अपने बयानों को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। उनसे बात की जमील...

अर्नब प्रकरण के बहाने भारतीय मीडिया पर एक टिप्पणीः मीडिया उद्योग का गहराता अंधेरा, सत्ता और पत्रकारिता की उम्मीदें

बीते कुछ घंटों से देश के मीडिया और राजनीति में मुंबई पुलिस द्वारा एक न्यूज चैनल के प्रधान की गैर-पत्रकारीय मामलों में गिरफ्तारी को लेकर विवाद मचा हुआ है। यह मामला है-दो लोगों की आत्महत्या का। प्राथमिकी में न्यूज...

मोदी सरकार जनता नहीं, कंपनी राज की है हिमायती

दिसंबर 2002-03 में पूर्वांचल उद्योग बचाओ सम्मेलन का आयोजन देवरिया जनपद के गोरयाघाट चौराहे पर कॉमरेड सीबी सिंह (सीबी भाई) की अध्यक्षता में किया गया था। उस कार्यक्रम में पूर्वांचल से तमाम सम्मानित जन प्रतिनिधि, किसान एवं मजदूर नेता...

निरंकुश मर्दानगी का वीभत्स रूप पेश कर रही हैं कंगना

कंगना राणावत के सन्दर्भ में महिला होने की दुहाई हास्यास्पद है। वे निरंकुश मर्दानगी का वीभत्स रूप प्रस्तुत कर रही हैं। मुंबई को पाक अधिकृत कश्मीर कहना, अपने दफ्तर को राम मंदिर और उस पर बाबर के हमले जैसे...

आखिर क्यों हो रहा है पूर्व राष्ट्रपति का प्रशस्ति गान?

(पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुजर गए। वे भारतीय राजनीति पर बहुत ही गहरी लकीर खींचने वालों में से एक हैं। प्रणब मुखर्जी 1973 में इंदिरा गांधी के कैबिनेट में शामिल किए जाते हैं। 1973 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना...

जमशेदपुर में टाटा : इस्पात भी हम बनाते हैं या इस्पात ही हम बनाते हैं!

"इस्पात भी हम बनाते हैं या इस्पात ही हम बनाते हैं", टाटा स्टील का यह बदलता नारा टाटा घराने की भारत में 1874 से शुरू हुए व्यवसायिक सफर के नैतिक उत्थान और पतन की पूरी कहानी बयान कर देता...

यूपी में क्राइम और कोरोना दोनों बेलगाम: प्रियंका गांधी

दिल्ली/लखनऊ। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक और पत्र लिखा है। पत्र में महासचिव ने लिखा कि "पिछले दिनों मैंने एक पत्र के माध्यम...

प्रवासी मज़दूरों को रोकने की हर जुगत में लगी है गुजरात सरकार

अहमदाबाद। तीसरे लॉकडाउन की घोषणा से पहले जब केंद्र सरकार द्वारा अलग राज्यों में फंसे मजदूर, छात्र तथा अन्य प्रवासियों को उनके गृह राज्य सशर्त जाने की अनुमति देने की घोषणा की तो एक आशा बंधी थी कि कम...

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लोकतंत्र में चुनाव लघुता का पर्व और गर्व होता है, प्रभुता का पर्व और प्रसाद नहीं‎

लोकतंत्र में चुनाव सबसे बड़ा पर्व होता है, लोकतंत्र का पर्व। लोकतंत्र का पर्व असल में किस का पर्व...