Wednesday, April 24, 2024

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संसद खाली करो कि तानाशाही आती है..!

भारत की संसद के दोनों सदनों- लोकसभा और राज्य सभा से सांसदों के धड़ाधड़ निलंबन का सिलसिला पूरे सत्र में जारी रहा। मोदी के न्यू इंडिया की खासियत यही है कि यहां आशंकाएं यकीन में ही नहीं बदलती, वे सोचे गए...

चुनाव आयुक्त चुनने में अब शामिल नहीं होंगे सीजेआई, संसद से पारित हुआ बिल, कोर्ट में चुनौती की तैयारी

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों व उनकी सेवा शर्तों को रेगुलेट करने वाला बिल गुरुवार को लोकसभा से भी पारित हो गया। इससे पहले यह बिल 12 दिसंबर को राज्यसभा से पारित हो गया था।...

संसद में बहुमत से नहीं आम सहमति से पास हों विधेयक!

जब कोई तानाशाह झूठ, वर्णवाद और धर्मांधता से जनता की मति भ्रमित कर सत्ता पर काबिज़ हो जाए और विपक्ष को संसद से मक्खी की तरह बाहर फेंककर मनमाने विधेयक पास करवा ले तब बहुमत नहीं आम सहमति से...

क्या यह हिटलर के इतिहास के पन्ने को ही दोहराने की तैयारी नहीं है?

नाजी जर्मनी के इतिहास से सबक़ लेने पर इस विषय में किसी को कोई संदेह नहीं रहना चाहिए कि 2024 में यदि मोदी फिर से जीत जाते हैं तो विपक्ष के कितने भी सांसद क्यों न चुने जाएं, सबको...

विपक्षी सांसद नहीं, देश की जनता की गयी है निलंबित

भारत में लोकतंत्र नहीं अब लट्ठतंत्र है। वैसे भी शक्ति ही सत्ता की स्रोत होती है। और शक्ति अगर ज्यादा हो जाए तो स्वाभाविक तौर पर वह तानाशाही में बदल जाती है। और अगर उन हाथों में आ जाए...

मजबूत हाथ में देश और अभेद्य संसद में धुआं धुआं

यह अजीब विडंबना है कि जब देश का प्रधानमंत्री मंच से गरज रहा हो कि देश मजबूत और सुरक्षित हाथों में है। तो ऐसे ही समय में प्रधानमंत्री की स्वप्निल परियोजना 'नई संसद' में दो नौजवान कूद जाते हैं और...

जस्टिस काटजू का लोकसभा अध्यक्ष को पत्र, कहा- संसद में कूदे युवाओं ने ऐसी ‘गैरकानूनी गतिविधि’ नहीं की, जिससे यूएपीए लगे

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मार्कन्डेय काटजू ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर संसद में धुआं फैलाने वाले युवकों को माफ कर देने का अनुरोध किया है। जस्टिस काटजू ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र...

आखिर क्या थी संसद में घुसने के पीछे युवकों की मंशा?

बुधवार को संसद पर आतंकी हमले की 22 वीं बरसी पर चार युवकों के सदन के भीतर प्रवेश करने का मामला बेहद गंभीर है। सुरक्षा के लिहाज से यह घटना इस सरकार की नाकामी का पर्दाफाश कर देती है।...

देश और संसद को एक नहीं ऐसी दस-दस महुआ मोइत्रा की दरकार है

नई दिल्ली। हमारे देश में नेताओं को अपनी ब्रांडिंग में कई दशक लग जाते हैं, लेकिन महुआ मोइत्रा को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए संसद के भीतर सिर्फ एक भाषण लगा। मौजूदा लोकसभा में उन्हें जैसी लोकप्रियता हासिल...

नए संसद भवन में एक महिला की राजनीतिक बलि!

कल की तारीख संसद के लिए शर्मसार कर देने वाली थी। लोकसभा की तेज तर्रार, काफी पढ़ी लिखी और तथ्यों के साथ सदन में अपनी बात रखने वाली सांसद महुआ मोइत्रा की शुक्रवार को राजनीतिक बलि चढ़ा दी गई।...

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ग्राउंड रिपोर्ट: तपती गर्मी में खारे पानी की सज़ा

बीकानेर, राजस्थान। "जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है गांव में पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। जो...