Thursday, March 28, 2024

patriarchy

जन्मदिवस पर विशेष: जाति, पितृसत्ता और ब्राह्मणवादी राष्ट्रवाद के विध्वंसक पेरियार

हम, खासकर उत्तर भारत के लोग ई.वी. रामासामी नायकर ‘पेरियार’ (17 सितंबर 1879 - 24 दिसंबर 1973) के बारे में नहीं जानते हैं या बहुत कम जानते हैं। वे भारत की प्रगतिशील बहुजन-परंपरा के ऐसे चिन्तक, लेखक और राजनेता...

क्या महिला पहलवानों का सबसे बड़ा ‘दंगल’ पितृसत्ता के खिलाफ होगा?

बढ़ रहे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय दबाव के आगे सरकार भले ही झुक गई हो, पर 15 जून को चार्जशीट दाखिल होने पर ही समझ में आएगा सरकार की मंशा क्या है। क्या भाजपा अपने सबसे ‘भरोसेमंद’ राजपूत बाहुबली का बलिदान करेगी?...

दलित स्त्री-2: आंबेडकर के आंदोलन में शामिल हुईं कई दलित स्त्रियां

इस समस्त कवायद का उद्देश्य यही है यह बात अच्छी तरह साफ़ हो कि जिसे हम भारतीय सन्दर्भ में पितृसत्ता कहते है वो केवल पितृसत्ता नहीं है वो असल में ‘ब्राह्मणीय पितृसत्ता’ है। ब्राह्मणीय पितृसत्ता ही असल में इस...

संवाद: पितृसत्ता और धर्म स्त्री के समक्ष शाश्वत चुनौतियां

इंदौर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की स्वतंत्रता और समाज में भागीदारी के अवसरों पर देश-विदेश में कई कार्यक्रम हुए। इसी कड़ी में इंदौर के हिन्दी साहित्य समिति सभागृह में “स्त्री के समक्ष शाश्वत चुनौतियां” विषय पर एक संवाद...

लैंगिक समानता एक मिथक है!

हम सभी पुरुष प्रधान/पितृसत्तात्मक समाज में रहते हैं, जहां अभी भी एक महिला को अपने मूल अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है और अगर वह अपनी आवाज उठाने की हिम्मत करती है, तो उसे या तो अपने परिवार या समाज द्वारा...

क्या आदिवासी समाज में भी आ गयी है खापों की बीमारी?

मुंडा आदिवासी समुदाय में भी अन्य आदिवासी समाज की तरह एक ही किलि में शादी करना निषेध है।  लेकिन अगर ऐसा हो जाता रहा  है तो किलि को कुछ नेग द्वारा ऊपर नीचे करके एक सहजता के साथ शादी को...

सात समुंदर पार बोस्टन में गूंजी हाथरस की बेटी के लिए जस्टिस की आवाज

नई दिल्ली। हाथरस और बलरामपुर में दलित लड़कियों के साथ हुई वीभत्स घटनाओं के खिलाफ विरोध की लहर अब सात समुंदर पार भी पहुंच गयी है। अमेरिका के बोस्टन में लोगों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारी अपने...

जन्मदिन विशेषः पेरियार ललई सिंह यादव थे बुद्ध, पेरियार और आंबेडकर की वैचारिकी के वाहक

कांग्रेस (1885) द्वारा ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष शुरू करने से करीब एक दशक पहले जोतीराव फुले (11 अप्रैल, 1827-28 नवंबर, 1890) ने वर्ण-जाति व्यवस्था और पितृसत्ता के खिलाफ संघर्ष की शुरुआत कर दी थी। 1873 में प्रकाशित फुले...

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अमर्त्य सेन लेखकों-पत्रकारों को लंबे समय तक कैद में रखने का किया विरोध

नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन सहित देश-विदेश के कई प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने भारत में “बड़ी संख्या में...