Saturday, April 27, 2024

Poet Kedarnath Agrawal

कृषक चेतना के अनूठे कवि : केदारनाथ अग्रवाल

बकौल खुद - 'मेरा विश्वास है कि कथ्य और शिल्प अलग नहीं है। दोनों की सांघातिक इकाई एक है। उसे तोड़ा नहीं जा सकता। कालिदास और वाल्मीकि को पढ़ते हुए भी मुझे यह बात महसूस हुई है। इन कवियों...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...