Friday, April 26, 2024

revolutionary poetry poster

डर, ऐ मेरे देश, तू डर…

डर, डर मेरे दिल, डर, डर, इतना डर, कि डर  बन जाये तेरा घर  डर में ही तेरा बचाव, छुपाओ, अपने आप को छुपाओ छुपाओ अपने आप को जिस्म में, मकान में कार्पोरेटी दुकान में अपने आप को छुपाओ मौन के तूफ़ान में डर से भी डर जीते-जी ही मर डर,...

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