‘चिदंबरम ने कारपोरेट फ़ासिज़्म की ज़मीन तैयार की, मानवाधिकारों को कुचला, सैन्यीकरण की रफ़्तार को तेज़ किया’

प्रख्यात कवि साहित्यकार  असद ज़ैदी ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है  ‘चिदम्बरम अपने बेशतर कारनामों में अकेले नहीं थे।…

आजादी नहीं ये मोक्ष का द्वार है!

सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। इसे पूरी तरह से देश हित में उठाया गया कदम माना जा सकता…

अहमदाबाद में सम्मेलन कर अल्पसंख्यकों ने लिया लड़ाई का संकल्प

अहमदाबाद। गुरुवार को गुजरात की राजधानी गांधी नगर में माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी संस्था द्वारा अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया…

भारत में एक शानदार बौद्धिक प्रतिरोध की शुरुआत हो चुकी है: अरुंधति रॉय

(लंदन से प्रकाशित दि गार्जियन में छपा मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय का यह साक्षात्कार गैरी यौंग ने लिया है। अंग्रेजी…