Friday, April 19, 2024

Sajjad Zaheer

प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना और प्रेमचंद

9 अप्रैल, प्रगतिशील लेखक संघ का स्थापना दिवस है। साल 1936 में इसी तारीख को लखनऊ के मशहूर ‘रिफ़ाह-ए-आम’ क्लब में प्रगतिशील लेखक संघ का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ था। जिसमें बाक़ायदा संगठन की स्थापना की गई। अधिवेशन...

जन्मदिन पर विशेष: तरक़्क़ीपसंद तहरीक के रूह-ए-रवां सज्जाद ज़हीर

जनवरी, 1946 में साहिर लुधियानवी और मैं बंबई पहुंचे, तो हमारी उम्र बिल तर्तीब पच्चीस और बाईस साल थी। ये बर्र-ए-सग़ीर (हिंद उपमहाद्वीप) की जद्दोजहद, आज़ादी का सुनहरा दौर था। और मुल्क के कोने-कोने से आज़ादी के नारे बुलंद...

फिराक की पुण्यतिथिः हिंदुस्तान के माथे का टीका और उर्दू ज़बान की आबरू

‘‘एक उम्दा मोती, खु़श लहजे के आसमान के चौहदवीं के चांद और इल्म की महफ़िल के सद्र। ज़हानत के क़ाफ़िले के सरदार। दुनिया के ताजदार। समझदार, पारखी निगाह, ज़मीं पर उतरे फ़रिश्ते, शायरे-बुजु़र्ग और आला। अपने फ़िराक़ को मैं...

जयंतीः सोवियत यूनियन की अहम हस्ती गफूरोफ भी थे जोय अंसारी के प्रशंसक

मुल्क में तरक्की पसंद तहरीक जब परवान चढ़ी, तो उससे कई तख्लीककार जुड़े और देखते-देखते एक कारवां बन गया, लेकिन इस तहरीक में उन तख्लीककारों और शायरों की ज्यादा अहमियत है, जो तहरीक की शुरुआत में जुड़े, उन्होंने मुल्क...

तरक्की पसंद तहरीक का ब्लू प्रिंट है सज्जाद जहीर का उपन्यास ‘लंदन की एक रात’

‘‘इंसानी ज़िंदगी का दायरा सिर्फ इश्क और मुहब्बत तक महदूद नहीं। क्या इसके अलावा और बहुत से मसाइल और बहुत सी दिलचस्प और गैर दिलचस्प चीजें नहीं हैं, जिनसे हम बावस्ता हैं? इन चीजों को छोड़कर हम खला-ए-महज में...

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‘ये बाबू संविधान बचाईं कि चिराग बाबू के जिताईं समझ में नाही आवत बा’

यह बात बिहार की करीब 60-65 वर्ष की पासी समाज की एक महिला ने कही। जब हम लोग संविधान...