Thursday, April 25, 2024

superstitious India

हमें प्रगतिशील भारत चाहिए या अंधविश्वासी भारत ? एक निष्पृह व निर्भीक समीक्षा

आज वास्तव में इस देश में रहकर यह विश्वास करना कठिन होता जा रहा है कि हम भारत के लोग क्या वास्तव में इक्कीसवीं सदी के ज्ञान-विज्ञान के अंतरिक्ष युग में जी रहे हैं या हम आज से दस-बीस...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...