Thursday, April 25, 2024

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इतनी सी बातः ताकि कुछ शेष ‘न’ रहे

जिंदगी दोबारा नहीं मिलती। जो करना हो, इसी जीवन में करना पड़ता है। कुछ लोग जीवन भर एक ही काम करते रहते हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो एक ही जीवन में बहुत कुछ कर जाते हैं। ऐसा करते...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...