लखनऊ। भाकपा (माले) ने प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग दफ्तर के सामने तीन दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों की मांगों पर सरकार से अविलंब विचार करने की अपील की है।
पार्टी ने कहा है कि सरकार छात्रों के ऊपर लाठी चार्ज करना बंद करे, उनकी जायज मांगों को सुने और उनके भविष्य से खिलवाड़ करने से बाज आए और जोर जबरदस्ती न करे।
पार्टी ने आंदोलकारी छात्रों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए छात्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने व गिरफ्तार छात्रों को रिहा करने की मांग की है।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज जारी एक बयान में कहा कि 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण की धांधली के बाद सरकार पीसीएस और आरओ/एआरओ की परीक्षाएं भी लटकाना चाहती है।
लंबे इंतजार व कई बार के स्थगन के बाद इन परीक्षाओं की तिथि घोषित तो गई। लेकिन उन्हें एक से अधिक शिफ्टों में कराने और नॉर्मलाइजेशन की शर्तें जोड़कर परीक्षा को संदिग्ध बना दिया गया है, जिसका छात्र विरोध कर रहे हैं।
छात्रों के सवाल जायज हैं। योग्य छात्र प्रभावित हो सकते हैं। पूरी परीक्षा न्यायिक समीक्षा में फंस सकती है। इससे छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा। आयोग हठधर्मिता कर रहा है।
ऐसे में सरकार को हस्तक्षेप कर समस्या का तुरंत समाधान करना चाहिए। छात्रों का उत्पीड़न बंद होना चाहिए। रोजगार हीनता के लिए कुख्यात हो चुकी भाजपा सरकार युवाओं के धैर्य की और परीक्षा न ले।
(भाकपा माले की ओर से जारी।)