Thursday, March 28, 2024

बादल सरोज

एकात्म मानववाद से एकमात्र महामानव-वाद की गत को प्राप्त 43 की भाजपा

कहते हैं कि कई बार विशद विवरणों से ज्यादा सटीकता के साथ कुछ दृश्य असलियत बयां कर जाते हैं।  6 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी का 43वें स्थापना दिवस के समारोह का नजारा ऐसा ही था। यह उस पार्टी...

रामनवमी पर फसाद की टूल-किट और उसके वायरस

खुश होना सहज इंसानी गुण है, प्रसन्नता मानवीय स्वभाव है बल्कि सही कहा जाए तो उसकी जरूरत भी है, पहचान भी है। वर्ग विभाजित समाज में ज्यादातर लोगों के हिस्से में खुशियां नहीं आतीं। मगर हजार मुश्किलें भी व्यक्ति...

धर्मग्रंथों की समीक्षा का ऐलान कर क्या दिखाना और क्या छिपाना चाहते हैं, मोहन भागवत

‘जाति भगवान ने नहीं, पंडितों ने बनाई है’ जैसे बयान के बाद इत उत खड़ा हुआ तूमार अभी थम भी नहीं पाया था कि आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत एक नयी थीसिस लेकर आ गए हैं। इस बार उनके...

वह भीड़ जो जुलूस नहीं बन पाई: इनको कोसें नहीं, इनसे बात करें!

सीहोर के पास कथावाचक प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में इकट्ठा हुए 10 लाख लोगों ने जो पीड़ा, यंत्रणा और त्रासदी झेली उसकी खबर सबने देखी है। इनमें बच्चे थे, बुजुर्ग थे, महिलायें थीं। कई की मौत हो गयी-अनेक...

दूसरे जुनैद और नासिर से शुरू; न्यू इंडिया का सीजन टू

पिछले दिनों राजस्थान के घाटमीका गांव के दो युवाओं जुनैद और नासिर के जले हुए कंकाल हरियाणा के भिवानी में जिस हालत में मिले हैं, वह इस तरह की घटनाओं के हिसाब से भी एक नयी और डरावनी सच्चाई...

सच हुआ मुहावरा; मिल गए अडानी के रंगा बिल्ला

इतिहास में तानाशाहियों को उनकी क्रूरताओं, बर्बरताओं, निर्ममताओं, पाश्विकताओं और जघन्यताओं के लिए याद किया जाता है, और ठीक ही याद किया जाता है। तानाशाहियां सभ्यता का ही नहीं मनुष्यता का भी निषेध होती है। मगर चूंकि तानाशाह खुद...

न्यायपालिका में सेंध लगाकर बिछाई जा रही हैं नफरती सुरंगें 

नीचे लिखे कथनों, बयानों पर गौर कीजिए; "जहां तक भारत का मसला है, मैं कहना चाहूंगी कि यहां इस्लामिक समूहों की तुलना में ईसाई समूह ज्यादा खतरनाक हैं। धर्मांतरण, खासकर लव जिहाद के सन्दर्भ में दोनों ही एक बराबर खतरनाक...

भागवत कथा में ‘हलुआ मिला न मांड़े – दोऊ दीन से गए पांड़े’

फिलहाल तो मोहन भागवत अपनी ही भागवत कथा में फंस गए लगते हैं। मुम्बई में संत रविदास की जयन्ती पर दिए अपने भाषण में उन्होंने दलितों को लुभाने के लिए जो जाल बिछाया था वह उल्टा पड़ गया लगता...

घोटाले की कालिख तले अडानी को ‘इंडिया’ होने का गुमान

भारत में 21वीं सदी के सबसे बड़े घोटाले, ठगी और बेईमानी पर दुनिया भर में भारत की सरकार और उसके कॉरपोरेट की भद्द पिटी पड़ी है। बाजार अपने निर्णय सुना रहा है, मगर जिन्हें बोलना था वे न बोल...

मोदी और भागवत के रौद्र और कोमल की जुगलबंदी के पीछे क्या है?

संगीत,भारतीय शास्त्रीय संगीत में स्वर और रागों का एक ख़ास विधान है। स्वर की नियमित आवाज को उसकी निर्धारित तीव्रता से नीचा उतारने पर वह कोमल हो जाता है, थोड़ा ऊंचा उठाने पर वह तीव्र हो जाता है। एक साथ एक...

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आइये, मोदी सरकार संग बेरोज़गारी दूर करें: तीन पोस्ट, तीनों हैरतअंगेज़ भरी!

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