भास्कर सोनू
संस्कृति-समाज
सालारजंग संग्रहालय: आंखों के सामने जिंदा हो जाता है इतिहास-ए-निज़ाम
इनको देखा तो ये ख्याल आया कि हम इन म्यूजियमों को क्यों देखें?
म्यूजियम बीते समय यानी इतिहास के ध्वंसाशेष के अलावा क्या है? खासकर राजा - महाराजाओं, नवाबों, बादशाहों की उस शानोशौकत को संजोकर रखे गए इन म्यूजियमों को...
राज्य
वाराणसी: दबंगों की बस पर सरकार का बस नहीं, ड्राइवर को पीटते रहे और लोग तमाशबीन बने रहे
वाराणसी। प्रदेश सरकार की गुंडई पर काबू पाने की सरकारी दावों की हवा लबे सड़क पर दबंग निकालते दिखे। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के बस ड्राइवर को दबंग डग्गामार बस चलाने वाले ने इसलिए पीटा कि बस ड्राइवर ने...
राज्य
बीएचयू में ज्यादा खर्च पर घटिया स्वास्थ्य सेवाएं कमीशनखोरी की देन: डॉ ओमशंकर
वाराणसी। सर सुंदरलाल अस्पताल (बीएचयू) में हृदय रोग विभाग के कैथ लैब स्थित अमृत फार्मेसी द्वारा मरीजों से मुनाफा कमाने के विरोध में हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ओमशंकर ने मोर्चा खोल दिया है। बीते दिनों अमृत फार्मेसी...
ज़रूरी ख़बर
प्रधानमंत्री जी, मेरे पास फीस के पैसे नहीं और मुझे परीक्षा देने से रोका जा रहा है!
बनारस। मैं उत्कर्ष सिंह बरेका इन्टर कालेज में विज्ञान का छात्र हूं करोना के चलते जो आर्थिक मार की सुनामी चली उसका शिकार मेरा परिवार भी हुआ। मेरा स्कूल रेलवे द्वारा संचालित सरकारी स्कूल है। मैं फीस नहीं जमा...
राज्य
बच्चियों की खरीद-फरोख्त चुनावी मुद्दा क्यों नहीं?
उत्तर प्रदेश में चल रहा विधानसभा चुनाव अंतिम दौर में है 07 मार्च को चुनाव खत्म होंगे और 08 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। पूरे चुनाव में महिला अधिकारों पर बातें तो खूब हुईं, लेकिन महिलाओं और नाबालिग...
ज़रूरी ख़बर
वाराणसी: संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने की भाजपा को सजा देने की अपील
वाराणसी। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आज बनारस में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मतदाताओं से चुनाव में किसान विरोधी भाजपा सरकार को सजा देने की अपील की। किसान नेताओं ने कहा कि धान और गन्ने की...
ज़रूरी ख़बर
बनारस के मल्लाह: भंवर में ज़िंदगी की पतवार
बनारस। गंगा की लहरों पर नाव खेकर गुजर-बसर करने वाले मांझी समुदाय की जिंदगी की पतवार सरकारी नियमों के भंवर में फंसकर बेहाल है। प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनावों में उनकी जिंदगी से जुड़े रोजी-रोटी के मुद्दे पूरी...
बीच बहस
हाल बनारस के बुनकरों का: “न फ्रिक में हैं, न जिक्र में हैं, हम केवल वोट में हैं”
वाराणसी। बनारस में बजरडीहा बुनकर बाहुल्य इलाका है। बुनकरों की बर्बादी, लाचारी, बेबसी और असमय मौत का चलता-फिरता दस्तावेज है ये इलाका। यहां की कच्ची-पक्की गंदगी से भरी गलियों में दड़बेनुमा घरों में हुनरमंद बुनकरों की बिनकारी का दम...
संस्कृति-समाज
प्रेम, एक खूबसूरत दुनिया की चाह का नाम है
भाषा, मजहब, सरहद के नाम पर बंटे लोगों की जितनी जुबानें होती हैं, उतनी ही मोहब्बत की दास्तानें भी होती हैं। पर सबसे अहम बात यह है कि मोहब्बत इंसानी होती है और हमेशा इंसानियत के हक में खड़ी...
संस्कृति-समाज
सत्ता का महाभोज यानी हत्या, संदर्भ मन्नू भंडारी
संविधान की शपथ लेकर बनी सरकारें महाभोज का आयोजन करती रहती हैं। सत्ता के इस महाभोज का खुराक वो साधरण मानुष होता है जो वोट देकर सरकार बनाता है बदले में उसकी जिंदगी व्यवस्था के चक्रव्यूह में फंसकर असमय...
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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना
आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...