भास्कर सोनू
संस्कृति-समाज
जन्मदिन पर विशेष: मौत के बाद भी जिंदा रहने का नाम है चे
एक नाम है चे ग्वेरा। चे का आज जन्मदिन है। चे मिसाल हैं कि जीकर ही नहीं मरकर भी जिंदा रहा जा सकता है। चे के लिए दुनिया सरहदों में बंटी नहीं थी। इसीलिए 9 अक्तूबर, 1967 में बोलीविया...
ज़रूरी ख़बर
राइट टू हेल्थ के बिना जिंदगी सुरक्षित नहीं:डा. ओमशंकर
बनारस। देश में अगर राइट टू हेल्थ (सबके लिए स्वास्थ्य का अधिकार) का कानून लागू होता तो कोरोना ने जितनी तबाही मचाई और जितनी जानें गयीं उसे रोका जा सकता था लेकिन इसे दुर्भाग्य कहेंगे कि देश में स्वास्थ्य...
बीच बहस
नज़ीर की नसीहत
नफरत की छुरी और मुहब्बत का गला है!
अपने इस शेर को नजीर कुछ यूं पूरा करते हैं- फरमाईये ये कौन से मजहब में रवां है।
नजीर यानि नजीर बनारसी का ये शेर मौजूदा हालत पर आज यही सवाल पूछता दिख...
ज़रूरी ख़बर
वाराणसी: डॉक्टरों की लापरवाही से हुई थी आज अखबार के मालिक की मौत, पत्नी ने पीएम को पत्र लिखकर मांगा इंसाफ
वाराणसी। अपने ही समाचार पत्र समूह के निदेशक के असामयिक निधन के पीछे की खबर को गुम करते हुए उनके निधन की खबर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शोक संदेश को छाप कर भले ही 100 साल पुराने हिंदी...
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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र
लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।