Thursday, March 28, 2024

निर्मल कुमार शर्मा

प्रदूषण के असली गुनहगारों की जगह किसान ही खलनायक क्यों और कब तक ?

इस देश में वर्तमान समय की राजनैतिक व्यवस्था में किसान और मजदूर तथा आम जनता का एक विशाल वर्ग सबसे दीन-हीन और कमजोर वर्ग है,क्योंकि सत्ता के कर्णधार अपने लाडले पूँजीपतियों के लिए ही अपनी सारी नीतियों को बनाते...

आधुनिकतम जेनोबोट्स और विश्व मानवता के सामने आसन्न खतरे

दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शुमार अमेरिका के तीन विश्वविद्यालयों क्रमशः वर्मोंट विश्वविद्यालय, टफ्ट्स विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वायस इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल इंस्पायर्ड इंजीनियरिंग के शोध वैज्ञानिकों ने मिल-जुलकर एक ऐसे ऐडवांस्ड रोबोट्स का निर्माण किया है,...

चंद्रमा पर ऑक्सीजन का अक्षय भंडार !

इसी साल अक्टूबर 2021के महीने में ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी और सुप्रतिष्ठित अंतरिक्ष एजेंसी नासा के बीच आर्टेमिस कार्यक्रम के अंतर्गत एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है,जिसका उद्देश्य है कि ऑस्ट्रेलिया के जॉन ग्रांट सदर्न क्रास यूनिवर्सिटी, लिस्मोर के अंतरिक्ष...

मोदी मैजिक या उपचुनाव में मोदी मुक्त भारत के शंखनाद की शुरुआत !

'कहां तो तय था चिरागां हर एक घर के लिए कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए !'                                    -दुष्यंत कुमार भारतीय जनमानस में एक कहावत बहुत ही मशहूर है कि कुदरत की मार बड़ी सधी हुई, निःशब्द और प्राणांतक होती है,...

फासिस्ट हो गई है केंद्र की मोदी सत्ता!

सभ्य और लोकतांत्रिक दुनिया में एक बहुत ही घृणित व बदनाम 'फासिस्ट' शब्द इटली के सिसिली द्वीप के 19वीं सदी के क्रांतिकारियों को पुकारे जाने वाले नाम 'फास़ेज' शब्द से बना है, परन्तु आज फासिस्ट शासन का शब्दार्थ बहुत...

धरती तो धरती इंसान ने अंतरिक्ष में भी भर दिया कचरा

इस धरती के सबसे सम्पन्न और ताकतवर तथा 80 प्रतिशत तक प्रदूषण फैलाने वाले इस दुनिया के सबसे विकसित और उन्नतिशील 20 देशों के अड़ियल रवैये के कारण ब्रिटेन के ग्लासगो शहर में इस धरती पर वायु,जल और भूगर्भीय...

बचाने से ज्यादा पर्यावरण को उजाड़ने का काम करती हैं सरकारें

अक्सर हमारे देश में पर्यावरण बचाने और प्रदूषण से मुक्ति के लिए वृहद वृक्षारोपण का नाटक करने में,नदियों को प्रदूषणमुक्त करने में अरबों-खरबों रुपयों का वारा-न्यारा कर दिया जाता है। जबकि वास्तविकता यह है कि उसमें होता कुछ नहीं...

क्या स्टेन स्वामी के बाद सत्ता अब गौतम नवलखा को चाहती है मौत के घाट उतारना?

मीडिया के अनुसार अब 70 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार गौतम नवलखा को नवी मुंबई के तलोजा जेल के सामान्य कैदियों वाली बैरक से गंभीर,बड़े अपराध करने वाले और शातिर कैदियों को रखे जाने वाले अंडा सेल की एकदम...

माफीनामों के वीर हैं सावरकर

सावरकर सन् 1911 से लेकर सन् 1923 तक अंग्रेज़ों से माफी मांगते रहे, उन्होंने छः माफीनामे लिखे और सन् 1923 के बाद वह लगातार ही इस देश की जनता को बांटने की बात करते रहे। नफरत और हिंसा की...

जन्मदिन पर विशेष: मौजूदा क्रूर व्यवस्था भी मांग रही है भगत सिंह जैसी कुर्बानी

आज से 90 साल पूर्व शहीद-ए-आजम स्वर्गीय भगत सिंह की कही बातें आज मोदीराज में बिल्कुल सत्य साबित हो रही हैं 'चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊँ, चाह नहीं, प्रेमी माला में विंध प्यारी को ललचाऊँ, चाह नहीं सम्राटों के शव...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...