Friday, April 26, 2024

प्रमोद रंजन

द्विज बौद्धिकों के मुकाबले हैनी बाबू और साई बाबा ने चुकाई है कुछ ज्यादा कीमत

दिल्ली यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी के अध्यापक हैनी बाबू मुसलीयारवेटिल थारायिल (हैनी बाबू, 54 वर्ष) को नेशनल इन्विस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार कर लिया है। एनआईए ने कहा है कि उन्हें भी भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस...

राम मंदिर निर्माण से पहले उत्तर भारत पहुंची ‘सच्ची रामायण’, पेरियार और पोंगापंथ का होगा आमना-सामना

(भारतीय विधायिका और न्यायपालिका ने मिलकर पिछले दिनों ऐसा परिदृश्य बनाने की कोशिश की मानो राम भारत के संपूर्ण बहुसंख्यक हिंदू जन मानस का प्रतिनिधित्व करते हों। कमोवेश इसी मूल तर्क पर अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा...

विशेष लेख: विज्ञान और विशेषज्ञता के आतंक के दौर में बुद्धिजीवियों की ज़िम्मेदारी

इस लेख के अंत में हम न्यूर्याक टाइम्स के संवाददाता रहे एलेक्स बेरेनसन की किताब“कोविड- 19 और लॉकडाउनों से संबंधित अनकही सच्चाइयां” के एक अंश को देखेंगे। बेरेनसन ने विभिन्न सरकारों और स्वास्थ्य-संस्थाओं द्वारा जारी उन तथ्यों को रखा...

लॉकडाउन की भेड़चाल और शातिर-अदृश्य गड़ेरिया

महामारी से बचने के लिए लॉक डाउन का आधार क्या है? अगर चीन ने वुहान में लॉकडाउन नहीं किया होता तो कोविड-19  से लड़ने के लिए दुनिया किस प्रकार की रणनीति अपनाती? क्या तब भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) शारीरिक...

कोविड के भ्रामक आंकड़े, भारतीय मध्य-वर्ग और पत्रकारिता

दुनिया में जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई तो नागरिकों के दमन की ख़बरें सबसे ज्यादा केन्या व अन्य अफ्रीकी देशों से आईं। उस समय ऐसा लगा था कि भारत का हाल बुरा अवश्य है लेकिन उन गरीब देशों की तुलना...

कोविड 19 : हिंदी पट्टी में कोई सवाल क्याें नहीं है?

फरवरी, 2020 में जब अखबारों में दुनिया में एक नए वायरस के फैलने की सूचना आने लगी और मेरे सहकर्मियों के बीच इसकी चर्चा होने लगी तो मैंने इन खबरों के संबंध में प्रमाणिक सूचनाएं पाने के लिए विश्व...

अदृश्य महामारी और राजनीतिक संस्कृतियों का अंतर

अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी फेसबुक वॉल पर स्वीडन के बारे में लिखते हुए मैंने कोविड -19 से निपटने के उसके तरीके की प्रशंसा की थी। जब यूरोप का एक बड़ा हिस्सा लॉक डाउन में जा रहा था,...

कोरोना के संक्रामक आतंक को जरा ‘जूम’ करके देखें

आज ऐसे तथ्यों की कमी नहीं है, जो बताते हैं कि कोविड 19 से कई गुणा विनाशकारी इससे उपजे आतंक का संक्रमण है। विभिन्न शोधों के अनुसार कोरोना की मृत्यु दर नगण्य है। इसके अधिकांश मरीज स्वयं ठीक हो...

आंकड़ों की राजनीति और लॉकडाउन से होने वाली मौतें

यूरोमोमो (EuroMOMO) नामक संस्था ने 24 यूरोपीय देशों में 16 मार्च, 2020 से 19 अप्रैल , 2020 के बीच हुई ‘अतिरिक्त मौतों’ के आँकड़े जारी किए हैं। उन्होंने इसकी तुलना वर्ष 2009 से 2019 के बीच इसी अवधि में...

संक्रामक बीमारियों के भारतीय महासागर में कोरोना कितनी जगह घेरता है?

क्या सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर समूहों को भी कोरोना वायरस से उतना ही खतरा है, जितना कि अन्य बीमारियों और भुखमरी से, जिसकी अब आहट सुनाई देने लगी है। या, इन वर्गों में इस खतरे को महसूस...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...