Friday, April 26, 2024

रिंकु यादव

मनुवादी-सांप्रदायिक-कॉरपोरेट फासीवाद से संघर्ष का एजेंडा

1- भारतीय समाज का वर्चस्वशाली समूह शुरू से ही जाति जनगणना के खिलाफ रहा है, वह जाति आधारित विषमता को बनाये रखना चाहता है। आज तक आजाद भारत की किसी भी सरकार ने जाति जनगणना नहीं कराई है। 1931...

सामाजिक न्याय के आईने में बिहार की बदलती राजनीति

बिहार चुनाव के बाद नई सरकार बन चुकी है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन सत्ता से कुछ कदम पीछे रह गया। भाजपा ने ताकत बढ़ा ली है, नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बने हैं, लेकिन बड़े भाई की...

राष्ट्र निर्माण का दस्तावेज है मंडल आयोग की रिपोर्ट

बी.पी. मंडल का जन्म 25 अगस्त,1918 को हुआ। वे जमींदार पृष्ठभूमि से आते थे। लेकिन जमींदारी को बनाये रखने के लिए काम नहीं किया। यहां तक कि उनकी अध्यक्षता में दूसरे पिछड़े वर्ग आयोग(मंडल कमीशन) ने भूमि सुधार की...

सुप्रीम कोर्ट की आरक्षण की समीक्षा की बात लोकतंत्र और सामाजिक न्याय विरोधी

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच केन्द्र सरकार मेहनतकशों के प्रति चरम क्रूरता दिखा रही है तो दूसरी तरफ संकट के इस दौर को संविधान, सामाजिक न्याय व लोकतंत्र पर हमले के अवसर के बतौर भी इस्तेमाल कर रही...

पुलिस ने सवर्ण वर्चस्व की रक्षा के लिए की विक्रम पोद्दार और संतोष शर्मा की हत्या!

भले ही लॉक डाउन हो, लेकिन इस दौर में भी बिहार में दलितों-कमजोर समुदायों के हत्या-उत्पीड़न की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।19अप्रैल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विक्रम पोद्दार और संतोष शर्मा के लिए न्याय की मांग चर्चित...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...