Thursday, April 25, 2024

शैलेंद्र चौहान

राजनीति में अपराधियों की भागीदारी

विगत कुछ वर्षों में भारत में असहिष्णुता की प्रवृत्ति काफी बढ़ी है। अराजकतावाद के अनुसार कार्यस्वातंत्र्य जीवन का गत्यात्मक नियम है, और इसीलिए उसका मंतव्य है कि सामाजिक संगठन व्यक्तियों के कार्य स्वातंत्र्य के लिए अधिकतम अवसर प्रदान करें।...

जन्मदिन पर विशेष: भगत सिंह चाहते थे सर्वहारा की सत्ता

भगत सिंह को भारत के सभी विचारों वाले लोग बहुत श्रद्धा और सम्मान से याद करते हैं। वे उन्हें देश पर कुर्बान होने वाले एक जज़बाती हीरो और उनके बलिदान को याद करके उनके आगे विनत होते हैं। वे...

कमला भसीन का स्त्री संसार

भारत में महिला अधिकार आंदोलन की दिग्गज नारीवादी कार्यकर्ता, कवयित्री और लेखिका कमला भसीन का शनिवार सुबह निधन हो गया वह 75 वर्ष की थीं। वह कैंसर से पीड़ित थीं। भसीन का निधन दिल्ली के एक अस्पताल में हुआ। भसीन...

कम नहीं हो रहीं महिलाओं के प्रति दरिंदगी की घटनाएं

बलात्कार भारत में महिलाओं के खिलाफ चौथा सबसे आम अपराध है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2019 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 32033  बलात्कार के मामले दर्ज किए गए, यानी प्रतिदिन औसतन 88 मामले दर्ज...

एशिया में अफीम की खेती और साम्राज्यवादी नीतियां

एक जमाने में अफीम ब्रिटेन के कभी न अस्त होने वाले सूरज को ऊर्जा प्रदान करने वाला सबसे बड़ा स्रोत हुआ करता था। दरअसल, अफीम और उसके द्वारा किए गए विनाश की कहानी ब्रिटेन के वैश्विक शक्ति के रूप...

संघर्षों और बलिदानों से भरा पड़ा है हिंदी पत्रकारिता का इतिहास

1826 की 30 मई को कोलकाता की आमड़ातल्ला गली से प्रकाशित अल्पजीवी हिंदी पत्र उदन्त मार्तण्ड ने इतिहास रचा था। यह साप्ताहिक पत्र था। पत्र की भाषा पछाँही हिंदी थी, जिसे पत्र के संपादकों ने “मध्यदेशीय भाषा” कहा था।...

मध्यवर्गीय संघर्ष और विषमताओं की ताकत का आख्यान

गजानन माधव मुक्तिबोध उन गिने चुने कवियों में थे जिन्होंने विज्ञान और फैंटेसी के आधुनिक तथा कलात्मक बिंब और भाव कविता में लिए। उनकी एक कविता 'मुझे मालूम नहीं' में मनुष्य की उस असहायता का चित्रण है जिसमें वह...

त्रिलोचन के जन्मदिन पर विशेष: मैं तुमसे और तुम्हीं से बात किया करता हूं

शब्दों के सामर्थ्य पर अटल विश्वास रखने वाले कवि त्रिलोचन अपनी कविता से स्वयं क्या अपेक्षा करते हैं यह भी ध्यातव्य है। आज जब सामान्य नागरिक और सहज पाठक की रुचि से समकालीन कविता कोई तालमेल नहीं बैठा पा रही है...

अमृतलाल नागर: भारतीय जनजीवन के आशावान स्वप्नों के चितेरे

प्रेमचंदोत्तर हिंदी साहित्य को जिन साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं से संवारा है, उनमें अमृतलाल नागर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। किस्सागोई के धनी अमृतलाल नागर ने कई विधाओं से साहित्य को समृद्ध किया। अमृतलाल नागर ने कहानी...

जन्मदिन पर विशेष: अपने जीवनकाल में ही किंवदंती बन गए थे फिदेल

फिदेल ऐलेजैंड्रो कास्त्रो रूज़ (जन्म: 13 अगस्त 1926) एक अमीर परिवार में पैदा हुए और कानून की डिग्री प्राप्त की। हवाना विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की और क्यूबा की राजनीति में एक...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...