Wednesday, April 24, 2024

शिव दास प्रजापति

मिर्जापुर ग्राउंड जीरो: चुआड़, नाला और हैंडपंप के जहरीले पानी के भरोसे है यहां आदिवासियों की ज़िंदगी

अहरौरा, मिर्जापुर। गत 6 मार्च, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के आखिरी चरण के मतदान से ठीक पहले का दिन। शाम के करीब पौने छह बज रहे थे। दिन ढल रहा था। सूर्य की किरणें लालिमा बिखेर रही थीं। मैं...

ग्राउंड जीरो से सैयदराजा: मृतक सैनिक की बुजुर्ग पत्नी का नहीं बना राशन कार्ड, लॉक-डॉउन में दाने-दाने को मोहताज रहीं लाखी

सैयदराजा (वाराणसी)। “का समय आ गईल। पहिले वाले परधान से बहुत कहली, गोड़ धइली, मिन्नत कइली लेकिन हमार राशन कार्ड नाहीं बनउलें। कहलन कि तोहके पेंशन मिलेला, एसे तोहार राशन कार्ड ना बनी।” यह कहना था कवरुआं गांव निवासी पैंसठ...

ग्राउंड जीरो से सकलडीहा: शौचालय बना बकरीशाला, लकड़ी के धुएं में महिलाएं पका रहीं खाना

सकलडीहा (चंदौली)। “लॉक-डॉउन के दौरान हम लोगों के बैंक खाते में कोई पैसा नहीं आया था। हमें आवास भी नहीं मिला है। शौचालय बनाने के लिए ग्राम प्रधान ने सामान दिया था। हमने खुद से यह शौचालय बनाया। फिर...

सकलडीहा का सच: योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद भी गड्ढामुक्त नहीं हुईं सड़कें

सकलडीहा (चंदौली)। बीते सोमवार की सुबह के करीब नौ बज रहे थे। मैं मुगलसराय-भुपौली-चहनियां मार्ग पर सकलडीहा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की जमीनी पड़ताल करने के लिए निकल चुका था। इस रास्ते मेरी मंजिल रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम अघोरपीठ मठ...

मुगलसराय विधानसभा की ग्राउंड रिपोर्टः मुद्दों की नज़र में कौन मारेगा बाजी?

चंदौली/बनारस। बीते रविवार को दोपहर के करीब दो बज रहे थे। मैं केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र चंदौली की विधानसभाओं का जायजा लेने अपनी स्कूटी से निकल चुका था। वाराणसी जंक्शन, जिसे स्थानीय...

जय श्रीराम…ब्राह्मण एकता जिंदाबाद के नारों से गूंजी मुगलसराय कोतवाली, मूकदर्शक बनी रही पुलिस

वाराणसी। चंदौली जिले की मुगलसराय कोतवाली बृहस्पतिवार को ब्राह्मणों के जातिगत नारे से गूंज उठी। ब्राह्मणों ने कोतवाली के अंदर ‘जय श्रीराम...भारत माता की जय...ब्राह्मण एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाए और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो...

ग्राउंड रिपोर्ट-2:योगी सरकार ने गुल की बनारसी बुनकरों की ‘बत्ती’,भूख मिटाने के लिए बेच रहे पॉवरलूम

"शौहर की मौत के बाद हमारी आर्थिक हालत खराब हो रही थी। हथकरघा पर बुनाई से 10 सदस्यों के परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। बच्चों के कहने पर मैंने मीटिंग (माइक्रो फाइनेंस कंपनियों द्वारा संचालित स्वयं...

ग्राउंड रिपोर्ट: संघी ‘ताना-बाना’ में सिसक रही बनारसी बुनकरों की ज़िंदगी

(बनारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। यहां की बनारसी साड़ियां विश्व विख्यात हैं। बनारसी साड़ियों के कुटीर उद्योग से लाखों लोगों का परिवार चलता है। आज यही उद्योग बर्बादी की कगार पर है। बुनकर समुदाय आंदोलन की...

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