Thursday, March 28, 2024

उपेंद्र प्रताप

म्यांमार में सेना की ‘कब्जेदारी’ से हमेशा संकट में रहा है लोकतंत्र

म्यांमार! यह मुल्क 1948 में आजाद तो हो गया, परंतु इस आजादी को कायम रखने की जद्दोजहद हमेशा बनी रही। आजादी के दशकों गुजर जाने के बाद भी इस मुल्क में लोकतंत्र कभी स्थायी नहीं रहा। कभी लोकशाही तो...

कुष्ठ रोग दिवस पर विशेष: रोग उन्मूलन पर कम हो गया सरकार का जोर

जब ननकी काकी को कुष्ठ रोग हुआ, तो गांव में लोग उनके पास बैठने से कतराते थे। कुष्ठ रोग के कारण उनके हाथों की उंगलियां टेढ़ी हो गई थीं। गांव के बच्चों को सख्त हिदायत थी कि ननकी काकी...

मार्टिन लूथर की जयंती: पादरी से आन्दोलनकारी तक का सफर

25 मई, 2020 को अमेरिका में एक घटना घटी, जिसमें एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड नाम के अश्वेत नागरिक का गला घोटने से दबाकर मार दिया गया, घटना बीच सड़क पर हुई, जिसको वहां मौजूद...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...