Friday, March 29, 2024

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने वाली सूची में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट भी शामिल

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मामले में उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एक बार फिर कड़ी टिप्पणी की है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि उसने जो निर्देश दिए हैं, उन पर कोई अमल नहीं किया गया है। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य जारी रखने से धूल प्रदूषण बढ़ रहा है? चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह बताने के लिए कहा कि दिल्ली में प्रोजेक्ट के कारण वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पीठ ने बढ़ते हवा प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की। साथ ही कहा कि प्रदूषण के साथ ही अब कोरोना का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। पीठ ने दिल्ली सरकार को राजधानी में पेड़-पौधे लगाने के लिए योजना तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि यह योजना 12 हफ्ते के भीतर कोर्ट के सामने पेश की जाए।

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि केंद्र का कहना है कि वह कदम उठा रहा है, फिर भी राजधानी में प्रदूषण का स्तर दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है और कोरोना वायरस का भी खतरा मंडरा रहा है। चीफ जस्टिस ने इस पर कहा, ‘क्या करना है?’

याचिकाकर्ता नाबालिग आदित्य दुबे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने दलील दी कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के संबंध में चल रही निर्माण गतिविधि भी दिल्ली में वायु प्रदूषण को बढ़ा रही है और अदालत से इसे रोकने के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया। पीठ का कहना है कि वह केंद्र से पूछेगा कि क्या सेंट्रल विस्टा परियोजना में निर्माण कार्य जारी रखने से धूल प्रदूषण बढ़ रहा है।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर राज्य सरकारें वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए शीर्ष अदालत, केंद्र और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लागू नहीं करती हैं, तो अदालत इन निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करेगी।

उच्चतम न्यायालय ने जोर देकर कहा कि निर्देश जारी किए गए हैं और अधिकारियों को उम्मीद है कि सब अच्छा होगा। पीठ ने कहा कि लेकिन, जमीन पर रिजल्ट जीरो हैं। उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकारों – दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा को दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया और उनसे अनुपालन रिपोर्ट मांगी।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles