Thursday, April 25, 2024

बीजेपी नेताओं से करीबी रिश्ता रखने वाले दक्षिण अफ्रीका के रसूखदार उद्योगपति गुप्ता ब्रदर्श यूएई में गिरफ्तार

यह महज संयोग नहीं है कि भारत के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता भाइयों को जो साउथ अफ्रीका से 15 बिलियन रैंड्स (अफ्रीकी मुद्रा) के घोटाले के बाद फरार हो गये थे और यूएई चले गये थे, उन्हें यूएई में गिरफ्तार कर लिया गया है । लगभग चार साल से फरार गुप्ता भाईयों को उस समय पकड़ा गया जब यूएई  सहित 15 तेल उत्पादक इस्लामी देशों ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवाद पर भारत के खिलाफ विरोध दर्ज़ कराया है। भाजपा नेताओं के अत्यंत करीबी राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता पर अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति के शासन काल में करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप है।

ये वही परिवार है जिसने वर्ष 2019 में उत्तराखंड के औली में अपने पुत्र का विवाह किया था, जिसमें लगभग 200 करोड़ रूपये खर्च हुए थे और तत्कालीन त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के सहयोग ने इसे शाही शादी बना दिया था। गुप्ता ब्रदर्स की इस शाही में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, योगगुरु बाबा रामदेव, अभिनेत्री कटरीना कैफ, एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला और टीवी की नाग‍िन के नाम से मशहूर सुरभ‍ि ज्योत‍ि समेत कई वीआईपी मेहमान शामिल हुए थे ।

गुप्ता परिवार के दो भाइयों राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता को संयुक्त अरब अमीरात में गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि अभी तीसरे भाई अजय गुप्ता के बारे में जानकारी साफ नहीं है कि उनकी गिरफ्तारी हुई है या नहीं।

दरअसल यूपी के सहारनपुर के गुप्ता ब्रदर्स जो 1990 के दशक में साउथ अफ्रीका पलायन कर गए थे, उन्हें अब संयुक्त अरब अमीरात से गिरफ्तार किया गया है। उन पर करोड़ों के घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में साउथ अफ्रीका में मुकदमा चल रहा है। साउथ अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से गुप्ता ब्रदर्स के अच्छे संबंध रहे हैं और इसी का फायदा उठा कर उन पर कई घोटाले करने का आरोप है।

गुप्ता बंधुओं पर एस्टिना डेयरी फॉर्म प्रोजेक्ट से जुड़ी धांधली का आरोप है ये प्रोजेक्ट फेल हो गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट को गरीब अश्वेत किसानों की मदद के लिए चलाया गया था। आरोप है कि गुप्ता परिवार ने इस डेयरी से लाखों डॉलर की कमाई की। हालांकि गुप्ता परिवार इससे इनकार करता रहा है।

भारतीय मूल के विवादास्पद कारोबारी तीनों गुप्ता भाइयों अतुल, राजेश और अजय की करीबी साउथ अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से रही है। जुमा के कार्यकाल के दौरान घोटालों में शामिल होने के आरोप इन तीनों पर लगते आए हैं। साल 2018 में इन तीनों भाइयों को इनके साउथ अफ्रीका के घर से गिरफ्तार कर लिया गया था, तब जैकब जुमा पर इस्तीफा देने का भी दबाव था।

गुप्ता बंधु अतुल, राजेश और अजय दक्षिण अफ्रीका में श्वेत शासन समाप्त होते ही 1993 में वहां चले गये थे। गुप्ता परिवार कंप्यूटिंग, खनन, विमानन, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और मीडिया समेत कई क्षेत्रों में कारोबार करता है। राष्ट्रपति जैकब जुमा से नजदीकी की वजह से उन्हें ‘जुप्ताज’ कहा जाने लगा। जुमा की एक पत्नी गुप्ता की एक माइनिंग कंपनी में काम करती थीं। जुमा की बेटी दुदुजिले जुमा सहारा कंप्यूटर्स की डायरेक्टर थीं और जुमा के बेटे दुदुजाने जुमा गुप्ता की एक कंपनी में डायरेक्टर थे।

गुप्ता भाइयों पर दक्षिण अफ्रीका की सरकारी कंपनियों से डील करने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जाता रहा है। दक्षिण अफ्रीका के वॉचडॉग ने अक्टूबर 2016 में एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कहा गया था सरकारी क्षेत्र की एक बिजली कंपनी ने गुप्ता की कंपनी को आसान शर्तों पर एक बड़ा ठेका दिया। आज गुप्ता परिवार ने कंप्यूटर, खनन, मीडिया, टेक्नॉलोजी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपने पांव जमा लिए हैं ।

परिवार ने 2010 में ‘द न्यूज एज’ नाम से अखबार शुरू किया, यह जुमा समर्थक अखबार है। 2013 में परिवार ने एएनएन7 नाम के एक 24 घंटे के न्यूज चैनल को लॉन्च किया। गुप्ता परिवार का रसूख इस कदर बढ़ गया था कि 2009 में जुमा के राष्ट्रपति बनने से पहले ही उनके सत्ताधारी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस में करीबी दोस्त बन गए थे।

गुप्ता बंधु और उनके परिवार के कुछ और मेंबर दुबई में रह रहे थे। कुछ मेंबर भारत में भी बताए जाते हैं। नेशनल प्रोसेक्यूशन अथॉरिटी के अनुसार भारत और यूएई दोनों को ही प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया था। भारत के साथ साउथ अफ्रीका की प्रत्यर्पण संधि है। वहीं यूएई के साथ संयुक्त राष्ट्र के जरिए वो बातचीत में थे। अब गिरफ्तारी के बाद साउथ अफ्रीका की सरकार किसी भी हाल में गुप्ता बंधुओं को देश में बुलाकर मुकदमा चलाने को लेकर प्रतिबद्ध नजर आ रही है। पहले ऐसा नहीं हो सका था। दरअसल, अफ्रीका और यूएई के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं थी, लेकिन जून 2021 में यह समझौता कर लिया गया है ।

पूरे घोटाले में बैंक ऑफ़ बड़ौदा का नाम भी आया था। पता चला था कि जब साउथ अफ्रीका में उनके बैंक खाते खोले जाने बंद हो गए थे, तब बैंक ऑफ बड़ौदा ने उनकी मदद की थी। हालांकि, बाद में बैंक ऑफ बड़ौदा ने साउथ अफ्रीका में अपना कामकाज बंद कर दिया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में अतुल गुप्ता की कुल दौलत करीब 78 करोड़ यूएस डॉलर के करीब थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट ने साल 2016 के जोहान्सबर्ग स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के आधार पर भी यह जानकारी दी है। इतनी दौलत के साथ वह दक्षिण अफ्रीका के 16वें सबसे अमीर शख्स थे। तीनों भाईयों के अकाउंट अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब तक में हैं और इन खातों से अरबों रुपये की लेन देन की जाती है। इन अकाउंट्स के जरिए करोड़ों रुपयों का अवैध लेनदेन भी किया गया था। यहां तक कि पैसों के दम पर गुप्ता फैमिली ने सरकार में कुछ भर्तिंयां करवाईं और कुछ लोगों को मंत्री पद देने की भी डील हुई। इस परिवार पर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से करीबी होने के चलते गलत तरीके से अपना बिजनेस प्रमोट करने का आरोप लगा।

अफ्रीका में गुप्ता ब्रदर्स को ज़ुप्ता कहा जाने लगा था। इन तीनों भाईयों ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को इस कदर अपने वश में कर रखा था कि पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी पार्टी से दुश्मनी मोल ले ली। फिर उनका अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस पार्टी में कड़ा विरोध होने लगा।

पैसों की दम पर सुर्खियों में रहने वाले गुप्ता बंधु काफी दिनों से भागे-भागे फिर रहे थे। दक्षिण अफ्रीका से फरार गुप्ता बंधुओं के बारे में यह जानकारी भी सामने आ रही है कि अप्रैल 2021 में ये लोग भोपाल आए थे। यहां पर गुप्ता बंधुओं ने कुछ राजनेताओं से मुलाकात की थी। साथ ही निवेश को लेकर बात की थी। गुप्ता बंधुओं की यह मुलाकात काफी गोपनीय थी। कहते हैं कि पांच अप्रैल को राजा भोज हवाई एयरपोर्ट पर एक चार्टर विमान उतरा था। इसके यात्रियों की सूची में राजेश गुप्ता के साथ उनके परिवार और व्यापारिक सहयोगी मुरारी लाल जालान का भी नाम था। मुरारी लाल जालान इससे पहले जेट एयरवेज को खरीदने के लिए अपनी बोली के लिए सुर्खियों में रहे हैं। विमान में दो पायलट और चालक दल सहित 10 लोग सवार थे। इस दौरान एयरपोर्ट पर एक वरिष्ठ राजनेता ने इनका स्वागत भी किया था।

इन तीनों भाइयों का बचपन सहारनपुर में ही बीता है। तीनों भाई पढ़ाई में तेज-तर्रार थे। इनके पिता शिवकुमार गुप्ता सहारनपुर के रानीबाजार स्थित रायवाला मार्केट में कभी राशन की दुकान चलाया करते थे। पिता शिवकुमार ने साल 1985 में मंझले बेटे अतुल गुप्ता को पढ़ने के लिए दिल्‍ली भेज दिया। पढ़ाई के बाद अतुल ने कुछ दिन तक दिल्ली के हयात होटल में नौकरी की और यहीं से साउथ अफ्रीका चले गए। तेज दिमाग अतुल ने जल्द ही पहचान लिया कि रंगभेद के दौर से उबर रहे दक्षिण अफ्रीका में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। अतुल गुप्ता ने सबसे पहले अपना एक छोटा-सा बिजनेस यहां शुरू किया। बिजनेस ने जैसे ही रफ्तार पकड़ी, अतुल ने अपने दोनों भाइयों अजय और राजेश को भी दक्षिण अफ्रीका बुला लिया।

अतुल गुप्ता ने 1993 में दक्ष‍िण अफ्रीका में सहारा कंप्यूटर्स की शुरुआत कर साम्राज्य खड़ा करने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाया। शुरुआत में कारोबार बहुत छोटा था, लेकिन तीनों की मेहनत रंग लाई। और पूरे दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता बंधु का कम्‍प्यूटर कारोबार फैल गया। यही नहीं, जल्द ही इनकी कंपनी दक्षिण अफ्रीका की नंबर वन कंपनी बन गई। उसके बाद गुप्ता बंधुओं ने कोल और गोल्ड माइनिंग में भी हाथ आजमाया।

गुप्ता बंधुओं का बुरा समय साल 2016 में उस समय शुरू हुआ, जब तत्कालीन उप वित्त मंत्री मसोबिसि जोनास ने आरोप लगाया कि गुप्ता बंधुओं ने उन्हें वित्त मंत्री बनवाने का वादा किया था। इसके बाद गुप्ता बंधुओं पर आरोप लगा कि उन्होंने जैकब जुमा के साथ संबंधों का इस्तेमाल कर न सिर्फ गलत तरीके से कारोबार को बढ़ाया बल्कि राजनीति में भी दखल देने लगे। विवाद इस कदर बढ़ गया कि दक्षिण अफ्रीका में कभी बहुत लोकप्रिय रहे पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को इन भाइयों की वजह से अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई।

इसके बाद गुप्ता बंधुओं पर सरकारी जांच का शिकंजा कसता चला गया। साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता परिवार के कई ठिकानों पर पुलिस ने छापा डाला। इस परिवार पर आरोप लगा कि उन्होंने राष्ट्रपति से अपने संपर्कों का फायदा उठाकर कई सरकारी ठेके हासिल किए और मंत्रियों की नियुक्तियों में भी हस्तक्षेप किया। शिकंजा कसता देख तीनों भाई दुबई चले गए थे और तब से वहीं रह रहे थे। अब दो भाइयों को यूएई में ही गिरफ्तार कर लिया गया है।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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