Saturday, April 20, 2024

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आलोचना पत्रिका के बहानेः बाजार और जंगल के नियम में कोई फर्क नहीं होता!

पांच दिन पहले ‘आलोचना’ पत्रिका का 62वां (अक्तूबर-दिसंबर 2019) अंक मिला। कोई विशेषांक नहीं, एक सामान्य अंक। आज के काल में जब पत्रिकाओं के विशेषांकों का अर्थ होता है कोरा पिष्टपेषण, एक अधकचरी संपादित किताब, तब किसी भी साहित्यिक...

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माओवादियों ने बताया कांकेर एनकाउंटर को नरसंहार, 25 अप्रैल को बंद का आह्वान

नई दिल्ली। माओवादियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कांकेर एनकाउंटर को नरसंहार करार दिया है। और उसके विरोध...