Friday, April 19, 2024

Aanchal

मजाज़ः आंसू पोंछकर आंचल को परचम बनाने की बात करने वाला शायर

असरार उल हक ‘मजाज़’ उर्दू  साहित्य के उन महत्वपूर्ण शायरों में से एक हैं, जिनकी नज़्मों में इश्क़ो-मुहब्बत तो था ही साथ ही उनमें बगावती तेवर भी थे। मजाज़ ने अदबी दुनिया मे कई रंग बिखेरे। जरिया चाहे नज़्म...

जन्मदिन पर विशेषः मजाज़ की शायरी में रबाब भी है और इंक़लाब भी

एक कैफ़ियत होती है प्यार। आगे बढ़कर मुहब्बत बनती है। ला-हद होकर इश्क़ हो जाती है। फिर जुनून और बेहद हो जाए तो दीवानगी कहलाती है। इसी दीवानगी को शायरी का लिबास पहना कर तरन्नुम से (गाकर) पढ़ा जाए...

Latest News

लोकतंत्र का संकट राज्य व्यवस्था और लोकतंत्र का मर्दवादी रुझान

आम चुनावों की शुरुआत हो चुकी है, और सुप्रीम कोर्ट में मतगणना से सम्बंधित विधियों की सुनवाई जारी है, जबकि 'परिवारवाद' राजनीतिक चर्चाओं में छाया हुआ है। परिवार और समाज में महिलाओं की स्थिति, व्यवस्था और लोकतंत्र पर पितृसत्ता के प्रभाव, और देश में मदर्दवादी रुझानों की समीक्षा की गई है। लेखक का आह्वान है कि सभ्यता का सही मूल्यांकन करने के लिए संवेदनशीलता से समस्याओं को हल करना जरूरी है।