Babu Jagdev Prasad
संस्कृति-समाज
राजनैतिक हलवाही के खिलाफ
बाबू जगदेव प्रसाद जी का समय और समाज, दोनों जिन विडंबनाओं से गुजरे हैं और उन्होंने जिस वैचारिकी की नींव आजादी के बीस साल बाद ही रख दी, उनके निहितार्थ और प्रयोग के साधनों पर विमर्श किया जाना जरूरी...
संस्कृति-समाज
शोषितों के आर्थिक सामाजिक विषमता को पाटे बिना राष्ट्र नहीं हो सकता : बाबू जगदेव प्रसाद
“दस का शासन नब्बे पर, नहीं चलेगा, नहीं चलेगा।”
“सौ में नब्बे शोषित हैं, नब्बे भाग हमारा है”
“धन-धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है।”
तथा
“मानववाद की क्या पहचान, ब्राह्मण भंगी एक समान”
पुनर्जन्म और भाग्यवाद, इनसे जन्मा ब्राह्मणवाद”- जैसे समाजिक न्याय...
Latest News
सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनाव आयोग पर हमारा नियंत्रण नहीं, ईवीएम वीवीपैट पर फैसला सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ईवीएम वीवीपैट केस में फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 24 अप्रैल को कहा कि वह...
You must be logged in to post a comment.