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इलाहाबाद से प्रयागराज: नाम ही नहीं, पूरा शहर बदल गया है!
मीना राय -
1977 में हम इलाहाबाद आए। तब से लेकर आज तक इलाहाबाद में बहुत बदलाव देखे। तब यह शहर फल, फूल और बगीचों का शहर था। अमूमन एक मंजिले, दो मंजिले मकानों का शहर। तिमंजिले मकान थे लेकिन बहुत कम।...
संस्कृति-समाज
पुण्यतिथि पर विशेष : चार्ल्स कोरिया; आधुनिक भारत की वास्तुकला को जिसने दुनिया में नई पहचान दी
चार्ल्स कोरिया उस अज़ीम शख्सियत का नाम है, जिन्होंने आधुनिक भारत की वास्तु कला को दुनिया भर में एक नई पहचान दी। वास्तुकार और शहरी योजनाकार चार्ल्स कोरिया, देश के आधुनिक वास्तुकला का चेहरा माने जाते थे। स्वतंत्र भारत...
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2024 के चुनाव में फासीवादी ताकतों को निर्णायक चोट दें: स्वदेश भट्टाचार्य
पटना। भाकपा-माले की स्थापना की 56वीं वर्षगांठ पर पार्टी महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने सभी पार्टी सदस्यों और शुभचिंतकों...
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