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बीच बहस
किताब छापकर बताना पड़ा मोदी का सिखों के साथ रिश्ता
भाजपा को ऐसा क्यों महसूस हो रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के संबंध सिखों के साथ अटूट नहीं रहे। अब यह नौबत आ गई कि उसे बताने के लिए बुकलेट छापनी पड़ी है और विभिन्न मंत्रालयों के नेटवर्क के...
माहेश्वरी का मत
अपरिभाषेय राष्ट्रवाद की परिभाषा!
जेएनयू के परिसर में सन् 2016 की सर्दियों में हुए राष्ट्रवाद पर भाषणों के संकलन, ‘What the nation really needs to know’ के बाद अभी हाल में अनामिका प्रकाशन से राष्ट्रवाद के बारे में लेखों का एक महत्वपूर्ण संकलन,...
पहला पन्ना
किताब को पाठ्यक्रम में बनाए रखने के लिए लड़ना मेरा कर्तव्य नहीं: अरुंधति रॉय
नई दिल्ली।(मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय की किताब 'वाकिंग विद द कॉमरेड्स' को तमिलनाडु के मनोमणियम सुंदरानर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह फैसला संघ से जुड़े संगठन विद्यार्थी परिषद के दबाव में लिया...
ज़रूरी ख़बर
हत्यारे के महिमामंडन काल में सच्चाई की इबारत है ‘उसने गांधी को क्यों मारा’
कुछ पुस्तकें ऐसी होती हैं जो विमर्श और सोच-समझ के नए आयाम प्रस्तुत करती हैं और बदलाव की वाहक बनती हैं। बदलाव लाने की यह शक्ति उन पुस्तकों में भी होती है जो कुछ नया तो नहीं प्रस्तुत करतीं...
बीच बहस
सेपियन्स : सितमगर को मसीहा बताने की हरारी की मक्कारी
युवाल नोह हरारी की बहु-प्रचारित किताब `सेपियंस` पढ़कर एक टिप्पणी।
“मध्य युग के कुलीन सोने और रेशम के रंग-बिरंगे लबादे पहनते थे और अपना ज़्यादातर समय दावतों, जश्नों और भव्य टूर्नामेंटों में बिताया करते थे। उनकी तुलना में आधुनिक युग...
संस्कृति-समाज
पुस्तक समीक्षा: झूठ की ज़ुबान पर बैठे दमनकारी तंत्र की अंतर्कथा
“मैं यहां महज़ कहानी पढ़ने नहीं आया था। इस शहर ने एक बेहतरीन कलाकार और प्रतिभाशाली रचनाकार को निगल लिया था। उसकी डायरी एक उत्कृष्ट नमूना थी। इस बात की गवाही थी कि वो नायक था। लेकिन उसके होने...
पहला पन्ना
फ़ासीवाद की बेड़ियां और आज़ादी का मतलब
आज़ादी के बाद जो लोग अब तक यह सोचते रहे कि चिंतन और चुनाव के लिए मनुष्य आज़ाद है और उसकी यह आज़ादी ही उनके चिंतन का मूल है या फ़िर जिन्होंने ऐसा कभी सोचा ही नहीं और हमेशा...
बीच बहस
पुस्तक समीक्षा: समकालीन राजनीति की स्याह हकीकत का दस्तावेज है ‘जिओ पॉलिटिक्स’
अनिल जैन -
लॉकडाउन के दौरान खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने फेसबुक पर 'जिओ पॉलिटिक्स’ शीर्षक से एक लंबी सीरीज में जो कुछ लिखा था, वह अब व्यवस्थित रूप से एक किताब की शक्ल में आ गया है। दस्तावेजी और परिस्थितिजन्य सबूतों...
संस्कृति-समाज
लालू प्रसाद के भाषणों की किताब: तब जब बिहार चुनाव है, राम मंदिर बन रहा है और राज्यपाल का पद फिर चर्चे में है!
Janchowk -
नई दिल्ली। एक ऐसे मौके पर जब बिहार चुनाव के पहले सत्ता पक्ष लालू प्रसाद और उनके कार्यकाल को मुद्दा बना रहा है, तब उनके प्रतिनिधि संसदीय भाषणों की किताब द मार्जिनलाइज्ड प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुई है। अरुण...
संस्कृति-समाज
जयंती पर विशेष: नामवर थे, नामवर सिंह
हिन्दी साहित्य के आकाश में नामवर सिंह उन नक्षत्रों में से एक हैं, जिनकी विद्वता का कोई सानी नहीं था। साहित्य, संस्कृति और समाज का कोई सा भी विषय हो, वे धारा प्रवाह बोलते थे। उनको सुनने वाले श्रोता...
Latest News
AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।
दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।
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