Friday, March 29, 2024

Dr. Ram Manohar Lohia

‘ऐ वतन मेरे वतन’ का संदेश

हम दिल्ली के कुछ साथी ‘समाजवादी मंच’ के तत्वावधान में अल्लाह बख्श की याद में एक सालाना कार्यक्रम करते थे। अनिल नौरिया के सुझाव पर पहला कार्यक्रम 1995 या 96 में क्वीन्स पार्क (नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने)...

राजनैतिक हलवाही के खिलाफ

बाबू जगदेव प्रसाद जी का समय और समाज, दोनों जिन विडंबनाओं से गुजरे हैं और उन्होंने जिस वैचारिकी की नींव आजादी के बीस साल बाद ही रख दी, उनके निहितार्थ और प्रयोग के साधनों पर विमर्श किया जाना जरूरी...

अगस्त क्रांति और भारत का शासक वर्ग

लेखक- डॉ. प्रेम सिंह (राम पुनियानी ने भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह के मौके पर - 'हाउ टू रिवाइव द स्पिरिट ऑफ़ क्विट इंडिया मूवमेंट' - (पीपल्स वाइस, 21 अगस्त 2017) लेख लिखा। लेख का हिंदी अनुवाद भी...

9 अगस्त 1942 की कहानी, अगस्त क्रांति के सिपाही डॉ. जीजी परीख की जुबानी

98 वर्षीय डॉ. जीजी परीख 9 अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल थे। महात्मा गांधी ने 8 अगस्त के भाषण में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अपील करते हुए घोषणा की थी कि देश का हर नागरिक आज के...

राजनीति की पवित्रता

सिविल सोसाइटी की अहमियत राजनीतिक दलों से ऊपर है। अन्य देशों में इसे प्रेशर ग्रुप के नाम से लोकतंत्र का सबसे प्रभावशाली टूल माना गया है। राजनीतिक दल अपनी नीतियां घोषित करते हैं तथा सरकार मिलने पर उन नीतियों...

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क्या तमिलनाडु में भाजपा को अपने आक्रामक चुनाव अभियान से कुछ हासिल होगा?

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके सहित एआईडीएमके और भाजपा के द्वारा अपने-अपने गठबंधनों को अंतिम स्वरुप देने का काम लगभग...