नाज़ियों और फासिस्टों के भारतीय चेले वर्षों तक पं. जवाहरलाल नेहरू का विभिन्न तरीकों से चरित्र-हनन करते रहे हैं। आज भी यह सिलसिला उनके फ़र्ज़ी उद्धरणों और फोटोशॉप तस्वीरों के माध्यम से निरंतर जारी है। खुद को उनके सामने...
(देश के साहित्यकारों, संस्कृतिकर्मियों, लेखकों, कवियों और बुद्धिजीवियों ने एक साझा अपील जारी की है जिसमें उन्होंने मौजूदा दौर में संघ-बीजेपी सत्ता द्वारा चलाए जा रहे चौतरफा सांप्रदायिक-फासीवादी हिंसक अभियान की कड़े शब्दों में निंदा की है। इसके साथ...
2021 के अंतिम तिमाही में कालिनेम, शिखंडी, खड्गसिंह और गोडसे का जिंदा होना क्या महज संयोग है कि सोचा समझा प्रयोग। 2021 की शुरुआत महामारी की क्रूर छाया और लोकतंत्र पर फासीवाद के मरणांतक हमले के साथ हुई थी।वहीं...
पिछले दिनों इस देश के अन्नदाताओं को दिल्ली के वर्तमान क्रूर, असहिष्णु , बदमिजाज, अमानवीय, फॉसिस्ट, तानाशाही प्रवृत्ति के निजाम के जबरन रोकने की वजह से दिल्ली में प्रवेश नहीं मिल सका। और उन्हें अपनी न्यायोचित माँगों के लिए...
नरेंद्र दामोदर दास मोदी के नेतृत्व में आरएसएस के विचारों की वाहक भाजपा के सत्ता में आने के बाद इस देश के लोगों का सेंस ऑफ ह्यूमर कितना खराब हो गया है इसका अंदाजा कॉमेडियन वीरदास के ख़िलाफ़ दिल्ली...
मेरा नाम मुसलमानों जैसा हैमुझ को कत्ल करो और मेरे घर में आग लगा दो ।मेरे उस कमरे को लूटोजिस में मेरी बयाज़ें जाग रही हैंऔर मैं जिस में तुलसी की रामायण से सरगोशी कर केकालिदास के मेघदूत से...
(लेखक और सांस्कृतिक संगठनों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से मशहूर लेखिका महाश्वेता देवी समेत तीन लेखिकाओं की रनचाओं को निकाले जाने का विरोध किया है। इस सिलसिले में उन्होंने एक साझा बयान जारी किया है। पेश है उनका...
वर्ष 2015 का जून महीना था। पूरे देश में गर्मी अपने चरम पर थी। केंद्र में ब्राह्मणीय हिन्दुत्व फासीवादी भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार का एक वर्ष पूरा हो चुका था और झारखंड में केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश...
आज वास्तव में इस देश में रहकर यह विश्वास करना कठिन होता जा रहा है कि हम भारत के लोग क्या वास्तव में इक्कीसवीं सदी के ज्ञान-विज्ञान के अंतरिक्ष युग में जी रहे हैं या हम आज से दस-बीस...