ideology
बीच बहस
नाजी दौर की तरह सरकार की विचारधारा का समर्थन करने वाली प्रोपेगैंडा फिल्में बना रही है फिल्म इंडस्ट्री
Janchowk -
"फिल्म इंडस्ट्री को अब सरकार की ओर से विचार के समर्थन वाली फिल्में बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसी फिल्मों को बनाने के लिए फंड भी दिया जाता है जो सरकार के विचारों का समर्थन करती हों।...
बीच बहस
जनमुद्दों से बचने का नया हथियार है योगी सरकार की जनसंख्या नीति: आईपीएफ
Janchowk -
लखनऊ। आरएसएस की विचारधारा से असहमत ढेर सारे ऐसे उदारमना लोग हैं जो यह सोचते हैं कि सुधार का काम आरएसएस के लोग ही कर सकते हैं। मसलन सीमा विवाद, भाषा विवाद, जातीय विवाद आदि मुद्दों पर उनका यह...
उर्मिलेश की कलम से
कुछ चुनाव-रणनीतिकार अगर सीएम-पीएम बनाने लगें तो बचे-खुचे लोकतंत्र का क्या होगा?
उर्मिलेश -
नेताओं और दलों को 'चुनाव रणनीति' बताने और बनाने वालों के 'बाजार' के किसी 'कामयाब कारोबारी' को अगर ये भ्रम हो जाय कि नेता क्या, वह किसी को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री भी बना सकता है तो इसे आप क्या...
बीच बहस
आरएसएस और डॉ. आंबेडकर के विचारों में है 36 का रिश्ता
“अगर हिन्दूराज हकीकत बनता है, तब वह इस मुल्क के लिए सबसे बड़ा अभिशाप होगा। हिन्दू कुछ भी कहें, हिन्दूधर्म स्वतन्त्रता, समता और बन्धुता के लिए खतरा है।इन पैमानों पर वह लोकतन्त्र के साथ मेल नहीं खाता है।हिन्दूराज को...
बीच बहस
संघर्ष और समाधान: गांधीवादी परिप्रेक्ष्य
(यह लेख डीएवी महिला कॉलेज, यमुना नगर, हरियाणा में 'संघर्ष और समाधान: गांधीवादी परिप्रेक्ष्य' (Conflict and Conflict Resolution : A Gandhian Perspective) विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बीज भाषण (Key-note Address) के रूप में पढ़ा गया था। अमेरिका में...
बीच बहस
अथातो चित्त जिज्ञासा: जॉक लकान के मनोविश्लेषण के सिद्धांतों पर केंद्रित एक विमर्श की प्रस्तावना
अभी की एक गहरी चिंता और अवसाद से भरी विमर्श के गतिरोध की चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में नितांत तात्कालिक प्रसंगों को थोड़ा किनारे रखते हुए हम यहां एक किंचित भिन्न प्रकार के तात्विक क्षेत्र में प्रवेश का प्रस्ताव करना...
बीच बहस
माहेश्वरी का मत: संविधान, कोर्ट और विचारधारा
आज ही ‘द वायर’ पर कश्मीर, धारा 370, भारतीय राज्य का
संघीय ढांचा और नागरिक के मूलभूत अधिकार के बारे में जाने-माने संविधान विशेषज्ञ
हरीश साल्वे के साथ करण थापर की लगभग पचास मिनट की लंबी बातचीत सुन रहा था। हरीश...
संस्कृति-समाज
देश को पूंजीवाद के पंजे से छुड़ाने के लिए भगत सिंह जैसे विचार की जरूरत
Janchowk -
आज जो देश के हालात
हैं। ऐसे में शहीद-ए-आजम भगत सिंह का याद आना लाजिमी है। जिस तरह से राजनीति का
व्यवसायीकरण हुआ है। धंधेबाजों के हाथ में देश की बागडोर है। सियासत का मतलब बस
एशोआराम, रुतबा और कारोबार रह गया...
Latest News
अमर्त्य सेन लेखकों-पत्रकारों को लंबे समय तक कैद में रखने का किया विरोध
नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन सहित देश-विदेश के कई प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने भारत में “बड़ी संख्या में...
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