Thursday, April 25, 2024

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क्या टूट गया ‘केदारनाथ समझौता?

नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस की प्रधानगी से दिया अपना इस्तीफा तो वापस ले लिया लेकिन साथ ही अपनी ही पार्टी की सरकार को चुनौती देते तथा ललकारते हुए कोप भवन में भी चले गए। पिछले दिनों...

निर्णय और नेतृत्व से अनुपस्थित स्त्री ही है असुरक्षित!

स्त्री सुरक्षा के मुद्दे को एक सामान्य समीकरण के रूप में देखा जा सकता है- जहाँ स्त्री नेतृत्व और निर्णय की भूमिका में नहीं होगी, वहाँ असुरक्षित रहेगी | सामाजिक ही नहीं, राजनीतिक ही नहीं, धार्मिक स्पेस में भी...

दिग्विजय और प्रियंका करेंगे राष्ट्रीय मुद्दों पर आंदोलन का नेतृत्व

आज कांग्रेस की तरफ से एक विज्ञप्ति आयी है जिसमें बताया गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक ऐसी कमेटी का गठन किया है जो राष्ट्रीय स्तर के ज्वलंत मुद्दों पर अभियान संचालित करेगी। दिलचस्प बात यह...

बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ माले का स्वस्थ बिहार-हमारा अधिकार अभियान

पटना। कोविड की दूसरी लहर ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। यदि यह व्यवस्था ठीक होती, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी। स्वास्थ्य का मुद्दा आज एक व्यापक जनसरोकार के मुद्दे के...

सरकार मगरूर है, मगर विपक्ष भी तो नाकारा है!

भारतीय राजनीति इस समय अपने इतने निकृष्टतम दौर से गुजर रही है कि वह देश की समस्याओं का समाधान करने के बजाय खुद अपने आप में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। किसी भी लोकतंत्र के लिए इससे ज्यादा...

बैटल ऑफ बंगाल: ममता के चलते बीजेपी के लिए वाटरलू साबित होगा बंगाल का चुनाव

इतने सालों में बंगाल और देश समझ गए हैं कि ममता बनर्जी को कम कर के नहीं आंका जा सकता। साधारण साड़ी और चप्पल पहनने वाली इस प्रखर नेत्री नामुमकिन को मुमकिन करने और राज्य से वाम मोर्चे के...

एमपी में भी शुरू हो गयी किसानों की गोलबंदी, गुना में लगी बड़ी पंचायत

इंदौर। पिछले 100 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में मध्यप्रदेश में भी किसान महापंचायतों की शुरुआत हो चुकी है। पहली किसान महापंचायत गुना जिले में आयोजित की गयी जिसे प्रदेश के कई किसान नेताओं सहित ग्वालियर...

निर्णायक मोड़ पर किसानों का आंदोलन

किसानों और सरकार के बीच सातवें चक्र की वार्ता कल समाप्त हो गयी। हालांकि पर्यावरण अध्यादेश और बिजली बिल पर सरकार ने नरम रुख दिखाकर ज़रूर कुछ सकारात्मक संकेत दिया है। लेकिन यह सदिच्छा कम उसकी रणनीति का हिस्सा...

डरा हुआ विपक्ष केवल ट्विटर से निभा रहा अपनी भूमिका

क्या नोटबंदी, जीएसटी, मंहगाई, बेरोजगारी, नौकरियों का खात्मा, रेल निजीकरण, सरकारी कम्पनियों को औने पौने में बेचने, ईवीएम की धांधली, आर्थिक दुरावस्था, मनमाने टैक्स जैसे मुद्दों पर किसी भी राजनीतिक दल ने आम जनता को साथ लेकर चलने की पिछले छह...

चुनाव के केंद्र में आए लोकहित के मुद्दे, बिहार से हुई नई शुरुआत!

बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव प्रचार में एक दिलचस्प परिवर्तन दिख रहा है। यह परिवर्तन एन्टी इनकम्बेंसी का नहीं, जाति और धर्म के ध्रुवीकरण का नहीं, किसी के प्रति सहानुभूति की लहर का नहीं, डीएनए टाइप भाषणों के विरोध...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...