Tuesday, April 23, 2024

Madhav Rao Sapre

शब्दों की रौशनी से मिली आज़ादी कहां गई?

लाल किले के प्राचीर से हर साल देश के प्रधानमंत्री 15 अगस्त को इस बात का बखान करते हैं कि अब हम आज़ाद देश हैं और विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हर साल...

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चुनावी बांड, पीएम केयर्स दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला: परकला प्रभाकर

राजनीतिक अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने चुनावी बांड में शामिल फंड की मात्रा को देखते हुए चुनावी बांड मुद्दे को...