Saturday, April 20, 2024

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शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

पिछले दो सालों में पुलिस हिरासत में मौत का आंकड़ा 75% बढ़ा- राज्यसभा में गृहमंत्रालय का जवाब

पिछले पांच सालों में पुलिस हिरासत में मौतों का आंकड़ा बढ़ा है। तीन सालों में इस आंकड़े में 60% और दो सालों में 75% की बढ़ोत्तरी हुई है। इन पांच सालों में पुलिस हिरासत में 669 मौत के मामलों...

25000 करोड़ के बैंक घोटाले में शरद पवार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज

चुनाव आयोग ने अगले महीने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराये जाने की घोषणा की है वहीं दूसरी ओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं क्योंकि 25000 करोड़ के बैंक फ्रॉड घोटाले...

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क्या कांग्रेस घोषणापत्र मुस्लिम लीग की सोच को प्रतिबिंबित करता है?

गत 4 अप्रैल, 2024 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। पार्टी...