घर परिवार के अंदर बनते रिश्ते कलंक या मज़बूरियां?

आजकल सोशल मीडिया पर ऐसे रिश्तों के समाचारों की संख्या में वृद्धि हो रही है जो एक मनोविकार की तरह…

पत्रकारिता और सत्ता का संबंध: सवाल नहीं, तो पत्रकारिता कहां?

भारत में लोकतंत्र की सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि पत्रकारिता कितनी स्वतंत्र, निर्भीक और उत्तरदायी है।…

सिंदूर के नाम पर वोट की राजनीति क्यों? 

पहली बार लग रहा है कि शासक दल घबराया हुआ है। उसे समझ नहीं आ रहा है कि ऊंट किस…

शिक्षक भर्ती के लिए चल रहे आंदोलन का ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ने किया पूर्ण समर्थन 

प्रयागराज। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) द्वारा शिक्षक भर्ती के लिए चल रहे अभ्यर्थियों के आंदोलन को भरपूर समर्थन व्यक्त…

दो जून की रोटी का सवाल और खेला ही खेला   

जिस देश के 80 करोड़ लोग राशन की दुकान से मिलने वाले अनाज पर निर्भर हों उस देश में सिंदूर…

पूर्व जज आदर्श गोयल ने जस्टिस सूर्यकांत के खिलाफ कड़ी आपत्ति क्यों की थी?

सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने वाले जस्टिस सूर्यकांत अभी से ही सुर्खियों में आ गए हैं। जस्टिस सूर्यकांत…

झूठ,अफ़वाह, सनसनी और अतिराष्ट्रवाद के तूफ़ानों के बीच दम तोड़ती सच्ची ख़बर 

एक ही साल एक दिन के अंतर पर मिलने वाली आज़ादियों के बाद दोनों देशों के बीच की तनातनी गाहे…

जंग जश्न नहीं, जनाब- टीआरपी के बाजार में बिकता हुआ मातम है!

जंग कोई तमाशा नहीं होती, जिसे एंकरों की जुबान से शाम के शो की तरह पेश किया जाए। ये कोई…

हेमंत पटेल हत्याकांड: ‘लाइन हाजिर’ का लॉलीपॉप, ‘एसआईटी’ का सियासी शरबत

वाराणसी में हेमंत पटेल हत्याकांड में सरकार ने लाइन हाजिर का लॉलीपाप थमा दिया और एसआईटी का शरबत पिलाकर समझ…

राजद्रोह और प्रेस की स्वतंत्रता पर इसका प्रभाव

यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में पहले अखबार के प्रकाशन के साथ ही प्रेस की स्वतंत्रता को कुचलने का…