Friday, April 19, 2024

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‎‎‘एक सूत्रीय भारतबोध’ के कुत्सित इरादों के विरुद्ध ‘सामासिक भारतबोध’‎ के आग्रह ‎और अपील

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के द्वारा गिरफ्तार कर लिये जाने के बाद सिर्फ आम आदमी पार्टी के नेता नहीं रह गये हैं। चुनाव के माहौल में संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग ने सतरू...

सीएए: देश को बांटने का एक और औज़ार

जिस समय इलेक्टोरल बॉण्ड से जुड़ा बड़ा घोटाला परत-दर-परत देश के सामने उजागर हो रहा था, ठीक उसी समय केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने के लिए नियमों और प्रक्रिया की घोषणा कर...

लोकतांत्रिक राजनीति के ‘दुष्टीकरण’ और ‎‘लुच्चीकरण’ की ‎‎‘राजतांत्रिक राजनीति’ की फांस

भारत इन दिनों विश्वास और अभ्यास के सवाल से जूझ रहा है। चतुर्दिक टकराव से घिर रहा है। रोजी-रोजगार के लिए टुकुर-टुकुर ताकते लोग टकराव के टंकार से दुखी हैं। तरह-तरह के चक्र घूम रहे हैं। एक ऐसा क्रम...

रोजी-रोजगार विमुख लाभार्थी योजना कल्याणकारी नहीं है, न सेंगोल ही संवैधानिक न्याय का प्रतीक है

सत्रहवीं लोक सभा का अवसान हो चुका है। याद करें तो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई जा चुकी है, उसकी राजनीतिक हैसियत भी ठीक कर दी गई है। राम मंदिर में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा का भव्य-दिव्य आयोजन हो...

समान नागरिक संहिता और हिंदुत्व की राजनीति

2024 के लोकसभा चुनाव में अब मुश्किल से दस महीने शेष हैं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को हर हालत में वह चुनाव जीतना है। ‘सब का साथ, सब का विकास और सब का विश्वास’...

असम में क्यों हो रहा है निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का विरोध?

असम में परिसीमन प्रस्तावों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के सहयोगियों के साथ-साथ विपक्षी दलों ने भी अपना असंतोष व्यक्त किया है। परिसीमन प्रस्ताव के मसौदे को लोगों की भावनाओं की अनदेखी...

धर्म, जाति, लिंग आधारित नफरत भारतीयों को बना रही बीमार

12 अप्रैल, 2023 के नवभारत टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार एक बच्चे की मां ने बताया कि उसकी बेटी आज रोती हुई घर में आई और उसने पूछा ' क्या हम मुसलमान इतने गंदे है? ' छठी...

कर्नाटक चुनाव नतीजे: सांप्रदायिक राजनीति की करारी शिकस्त

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे न केवल सुकून देने वाले हैं बल्कि ये देश को एक करने और भारत के संविधान के मूल्यों को पुनर्स्थापित करने के अभियान की शुरुआत भी हो सकते हैं। कहने की ज़रुरत नहीं कि...

प्यार में शाहीन बाग: प्रतिरोध की ज़मीन पर उगते प्रेम के फूल 

इंकलाब प्रेम की आखिरी मंज़िल है। प्रतिरोध के पत्थर पर ही मुहब्बत के फूल खिलते रहे हैं। 'प्यार में शाहीन बाग' एक ऐसी ही कहानी है, जो खुद में सब कुछ समेटे है। अल्पसंख्यकों के हक़ के सवाल, ध्रुवीकरण...

देश में किसी व्यक्ति को एक ही कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री होना चाहिए: अरुंधति रॉय

आज जब हम नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया पर दिल्ली पुलिस के हमले के दो साल पूरे होने को याद कर रहे हैं, तो हमें सीएए-एनआरसी से बात शुरू करनी चाहिए। हमें यह याद करने की ज़रूरत है...

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वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।