poorvanchal
संस्कृति-समाज
स्मृति शेष: ‘जुल्म और दमन के खिलाफ इंसाफ और लोकतंत्र की निर्भीक आवाज थे भाई चितरंजन सिंह’
आदरणीय चितरंजन भाई से अभी 10 अक्टूबर को टॉउनहाल बलिया में बहुत दिनों बाद मुलाकात हुई थी। PUCL के साथियों द्वारा जय प्रकाश जी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम का अवसर था। उन्हें बेहद अस्वस्थ देखकर धक्का लगा था।...
बीच बहस
पूर्वांचल के उजड़ने और बर्बाद होने की कहानी पढ़िए कद्दावर नेता शिवाजी राय की ज़ुबानी
Janchowk -
देवरिया शहर में पश्चिमी ओवरब्रिज के नीचे, देवरिया शुगर मिल के बहुत करीब अचानक एक ठेले वाले ने आवाज दी, “नेताजी कहाँ जा रहे हैं, हमारी भी बात सुन लीजिए”। पीछे मुड़ के देखा तो ठेले के पास खड़े...
Latest News
कांग्रेस से जुड़े सभी राजघरानों के लोग अवसरवादी रहे
भारतीय राजनीति में दलबदल वैसे तो बहुत सामान्य परिघटना बन गई है लेकिन दलबदल करने वालों की अगर अलग-अलग...
You must be logged in to post a comment.