Thursday, March 28, 2024

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स्मृति शेष: ‘जुल्म और दमन के खिलाफ इंसाफ और लोकतंत्र की निर्भीक आवाज थे भाई चितरंजन सिंह’

आदरणीय चितरंजन भाई से अभी 10 अक्टूबर को टॉउनहाल बलिया में बहुत दिनों बाद मुलाकात हुई थी। PUCL के साथियों द्वारा जय प्रकाश जी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम का अवसर था। उन्हें बेहद अस्वस्थ देखकर धक्का लगा था।...

पूर्वांचल के उजड़ने और बर्बाद होने की कहानी पढ़िए कद्दावर नेता शिवाजी राय की ज़ुबानी

देवरिया शहर में पश्चिमी ओवरब्रिज के नीचे, देवरिया शुगर मिल के बहुत करीब अचानक एक ठेले वाले ने आवाज दी, “नेताजी कहाँ जा रहे हैं, हमारी भी बात सुन लीजिए”। पीछे मुड़ के देखा तो ठेले के पास खड़े...

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कांग्रेस से जुड़े सभी राजघरानों के लोग अवसरवादी रहे

भारतीय राजनीति में दलबदल वैसे तो बहुत सामान्य परिघटना बन गई है लेकिन दलबदल करने वालों की अगर अलग-अलग...