Friday, April 19, 2024

SA Bobde

संकट काल में उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई न्यायपालिका

जिस तरह से मद्रास हाई कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग पर की गई तल्ख टिप्पणियों को मीडिया में स्थान मिला है और जनता के एक बड़े वर्ग द्वारा इनका स्वागत किया गया है इससे यह स्पष्ट होता है कि आम...

सरकार को अप्रिय स्थिति से उबारने की कोशिश में विदाई के दिन भी आलोचना का शिकार हुए चीफ जस्टिस बोबडे

भारत के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे के कार्यकाल का आखिरी दिन 23 अप्रैल 2021 भी विवादित रहा। कार्यकाल के अंतिम दिन कोविड से संबंधित विभिन्न हाई कोर्ट में लंबित मामलों को स्वत: संज्ञान के नाम पर उच्चतम न्यायालय...

आईटी सेल चलाने वाली बीजेपी के कानून मंत्री ने कहा- अदालती फैसलों की ट्रोलिंग बर्दाश्त नहीं

केंद्र सरकार के कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पटना हाई कोर्ट के शताब्दी समारोह कार्यक्रम में कहा है कि कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जजों के खिलाफ किसी भी...

क्या लोवर ज्यूडिशियरी में ही फ्लर्ट करना गुनाह है?

उच्चतम न्यायालय के चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बोपन्ना और जस्टिस राम सुब्रमण्यन की पीठ ने मध्य प्रदेश में जिला अदालत के एक पूर्व जज की अपील पर कहा कि न्यायपालिका में किसी जज के अपने विभागीय जूनियर अधिकारी...

सुप्रीम कोर्ट में जजों के चार पद खाली, अगस्त तक छह और जज हो जाएंगे रिटायर

देश की सबसे बड़ी अदालत उच्चतम न्यायालय में आने वाले समय में गंभीर संकट खड़ा हो सकता है। फिलवक्त उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों के चार पद खाली हैं और इन्हें भरने के लिए उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम ने अभी...

सुप्रीम कोर्ट में उठा यूपी की संवैधानिक मशीनरी फेल होने का मामला

उत्तर प्रदेश में सरकार और सरकारी मशीनरी लंबे समय से गैरकानूनी, मनमाने, सनकपन और अनुचित तरीके से कार्य कर रही है, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ काम कर रही है और अपने अधिकार का लगातार दुरुपयोग कर रही...

सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों पर बार-बार उठते सवाल

क्या न्याय इतना व्यक्तिनिष्ठ और इतना असहाय हो सकता है कि उसकी समीक्षा और आलोचना करना अनिवार्य बन जाए?  कोई एक न्यायाधीश यदि कमजोर मनुष्य सिद्ध हो जाए तो क्या करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाले उसके फैसलों को...

जस्टिस काटजू का आरोप- सीजेआई अपनी बेंच में किसी और जज को बोलने ही नहीं देते!

क्या जिस पीठ में भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) एसए बोबडे होते हैं, वे पीठ में शामिल किसी अन्य न्यायाधीश को बोलने ही नहीं देते? यह सनसनीखेज आरोप उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और प्रेस काउन्सिल ऑफ़ इंडिया के...

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र, कहा- बेइंतहा अत्याचार और खुली गुंडागर्दी का दूसरा नाम है यूपी पुलिस

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के एटा में एक वकील के साथ मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ तत्काल कदम उठाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष जानकीशरण पांडेय...

आखिर न्यायपालिका का कितना समर्पण चाहिए उप राष्ट्रपति जी!

पूरे देश में आम हो या खास सभी में यह भावना बलवती होती जा रही है कि मोदी सरकार के प्रति न्यायपालिका का रुख काफी लचीला है और वर्ष 2014 के बाद विशेषकर उच्चतम न्यायालय राष्ट्रवादी मोड में फैसला...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।