satire
व्यंग्य
हमारा नीरो क़िस्सागो है!
Janchowk -
एक बार की बात है, जम्बूद्वीप में एक राजा था। बड़ा ही किस्सागो। जैसा की चलन है कि हर राजा में कुछ न कुछ विशेष होना ही चाहिए, जैसे रोम के राजा को बांसुरी बजाने में महारत थी। जर्मनी...
बीच बहस
‘जनता खिलौनों से खेले, देश से खेलने के लिए मैं हूं न!’
Janchowk -
इस बार के 'मन की बात' में प्रधानसेवक ने बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर देश का ध्यान आकर्षित किया है। बात इतनी महत्वपूर्ण है कि लगा यह 'मन की बात' नहीं 'आत्मा की बात' है। पता नहीं क्यों लोगों को...
व्यंग्य
जो अशोक किया, न अलेक्जेंडर उसे मोशा द ग्रेट ने कर दिखाया!
मैं मोशा का महा भयंकर समर्थक बन गया हूँ। कुछ लोगों की नज़र में वे भले ही कापुरुष हों लेकिन मेरे हिसाब से वे महापुरुष हैं।
भारत के पहले आम चुनाव के बाद पहले प्रथम सेवक ने देश को एकजुट...
लेखक
प्रेमचंद के फटे जूते
Janchowk -
प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने हैं। कनपटी चिपकी है, गालों की हड्डियां उभर आई हैं, पर घनी मूंछें चेहरे...
Latest News
ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान
मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...
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