Thursday, April 25, 2024

society

जनसंहार की ओर ले जाने वाली भड़काऊ भाषा बोल रहे हैं पीएम मोदी: दीपंकर भट्टाचार्य

मोदी राज के छ: साल नागरिक स्‍वतंत्रता, भारत के संविधान और लोकतंत्र पर अनवरत हमले के साल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 फरवरी को संसद में बोलते हुए प्रदर्शनकारियों और विरोधियों को ‘परजीवी’ बता अपनी असल मंशा को...

विश्व की शीर्ष 300 सहकारिताओं में इफको को पहला स्थान

इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस(आईसीए) द्वारा प्रकाशित 9वें वार्षिक वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर रिपोर्ट के 2020 संस्करण के अनुसार इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड(इफको) विश्व की शीर्ष 300 सहकारी समितियों में नं. एक सहकारी समिति है। यह रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलू...

डिग्री नहीं हो सकती है प्रशासनिक क्षमता और बौद्धिकता का पैमाना

तुलनात्मक अध्ययन करते समय विवेकशील व्यक्ति तर्क का सहारा लेता है। तुलनात्मक अध्ययन की परिभाषा भौतिक शास्त्र में दी हुई है:- एक ही वायुमंडलीय दबाव  तथा ताप पर वस्तुओं के गुणों का आकलन तुलनात्मक अध्ययन  है अर्थात जब हम...

महिलाओं के लिए अनुदार ही नहीं हिंसक भी है समाज

देश और राज्यों की अपराध की स्थिति का अगर अध्ययन किया जाए तो सबसे चिंताजनक और भयावह आंकड़े, महिलाओं के प्रति अपराध या घरेलू हिंसा के मिलते हैं। महिलाओं के प्रति, सामान्य छेड़छाड़, आपराधिक मनोभाव से पीछा करना जैसे...

कानून सवार लव जिहाद बनाम समाज में लव आख्यान

जो वे राजनीति में देखना चाहते हैं, वही कमोबेश कानून व्यवस्था में भी करने वाले हैं। यानी हिन्दू-मुस्लिम! उनका बस चले तो एक समुदाय के अपराधियों पर सामान्य कानून लागू हों जबकि दूसरों पर, उन्हीं अपराधों के लिए, कठोरतम...

मुझे फंसाने के लिए अब एनसीपीसीआर का किया जा रहा है इस्तेमाल: हर्ष मंदर

(सिविल सोसाइटी के सदस्यों को तरह-तरह से परेशान करने और उन्हें फंसाने की कोशिश में सरकार नये-नये रास्ते इजाद कर रही है। अभी तक इस काम में सरकार ने अपनी उन एजेंसिंयों को लगा रखा था जो सीधे अपराध...

हाथरस घटना: यदि अब भी आप भयभीत नहीं हैं तो फिर आपके साथ कोई समस्या है!

हाथरस की घटना को उत्तर प्रदेश एवं देश में तेजी फैल रही निरंकुश, अराजक, स्वेच्छाचारी और हिंसक मनोवृत्ति से अलग कर एक एकाकी घटना के रूप में प्रस्तुत करने की छटपटाहट मुख्य धारा के मीडिया में स्पष्ट देखी जा...

देश के लिए खतरनाक है संवैधानिक संस्थाओं के भीतर की लोकतांत्रिक आत्माओं की मौत

पिछले कुछ दिन से बहुत चिंता पैदा करने वाले संकेत दिखाई दे रहे हैं। आर्थिक मोर्चे पर कुछ अत्यंत अप्रिय खबरें आईं। सीएसओ के अनुसार अप्रैल से जून के इस वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद...

छत्तीसगढ़: किसानों को खाद न देकर खेती से वंचित करना चाहती है सरकार

हर साल की तरह इस साल भी छत्तीसगढ़ की सहकारी सोसाइटियों में यूरिया खाद की कमी हो गई है। गरीब किसान दो-दो दिनों तक भूखे-प्यासे लाइन में खड़े हैं और फिर उन्हें निराश होकर वापस होना पड़ रहा है।...

कश्मीर के विशेष दर्जा प्रावधान खत्म होने का एक सालः अंधेरी-बंद सुरंग में धरती का स्वर्ग!

यह बात सही है कि पिछले वर्ष 5 अगस्त को नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर का बचा-खुचा विशेष दर्जा खत्म करने के लिए अनुच्छेद-370 के सम्बद्ध प्रावधान को खत्म करने का जो फैसला किया, वह सत्ताधारी दल का...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...